जिगिषा हत्याकांड में दो दोषियों को फांसी की सजा

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जिगिषा घोष की अपहरण लूट व बर्बर हत्या के मामले में साकेत अदालत ने सोमवार दो दोषियों को सजा-ए-मौत व एक को आजीवन कारावास की सजायी.फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि महिलाओं के प्रति बढ़ते गंभीर अपराध बर्दाश्त नहीं हैं और ऐसे मामले में किसी तरह की रहम नहीं बरती जाएगी.अदालत ने दोषी करार रवि कपूर,अमित शुक्ला को फांसी व बलजीत को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए उन पर नौ लाख रुपए जुर्माना भी किया है.

अदालत ने इसमें से 6 लाख रुपए पीड़िता के परिवार को बतौर मुआवजा देने का निर्देश देते हुए यह भी कहा है कि यह धनराशि कम है अत: पीड़िता के परिवार को विधिक सहायता प्राधिकरण भी मुआवजा देने पर विचार करे.अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने अपने फैसले में कहा कि यह महिला के प्रति एक गंभीर अपराध है और अगर सजा में नरमी बरती गई तो समाज में गलत संदेश जाएगा.

अदालत ने कहा कि यदि इसी तरह के गंभीर अपराध महिलाओं के साथ आगे भी होते हैं तो किसी तरह का नरम रुख अख्तियार न कर इसी तरह की सख्त सजा दी जानी चाहिए. इससे पहले इस मामले में 20 अगस्त को अदालत ने दोनों पक्षों की जिरह के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

विशेष अभियोजक राजीव मोहन ने दलील दी थी कि दोषी करार रवि कपूर,बलजीत व अमित शुक्ला ने सोची समझी साजिश के तहत जिगिशा का अपहरण किया, उसको लूटा और उसकी हत्या कर दी. इसके मद्देनजर अदालत को कोई दया नहीं दिखानी चाहिए और सजा-ए-मौत ही इस अपराध की सजा है. जबकि एडवोकेट अमित कुमार ने दोषी बलजीत व अमित शुक्ला की तरफ से पेश होते हुए कहा था कि उनके मुवक्किल पहले ही करीब सात साल से जेल में हैं.

जिगिषा घोष को 18 मार्च 2009 को सेंट्रो कार सवार चार बदमाशों ने तड़के 4 बजे अगवा कर लिया था जब उसके कार्यालय की गाड़ी ने उसके घर से कुछ दूर छोड़ा.इनकी गिरफ्तारी से पुलिसकर्मियों ने टीवी पत्रकार सौम्या विनाथन हत्याकांड भी सुलझाया. इन्हीं बदमाशों ने 30 सितम्बर, 2008 को  गोली मारकर सौम्या की हत्या कर दी थी, जब तड़के अपने कार्यालय से कार से घर लौट रही थी.

एक बेबस महिला का अपहरण कर उसको घंटों बंधक बना कर प्रताड़ित करना और उसकी मिन्नत के बाद भी हत्या कर देना एक सभ्य समाज में बर्बर तरीके से किया गया अपराध है. जिस तरह से अपराध किया गया वह निश्चित रूप से दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी में आता है. दो हत्यारों का मौत की सजा सुनाते हुए कहा कि इन्हें इनकी मौत होने तक फांसी पर लटकाया जाए.

सोची समझी साजिश के तहत दोषियों ने जिगिशा का अपहरण किया, लूटा और हत्या करने के बाद डेबिट कार्ड से खरीदारी की जो कि लाजपत नगर की दुकान के सीसीटीवी के फुटेज से साफ है. कार्ड की रसीद पर किए गए हस्ताक्षर का नमूना भी दोषी से मिलान पर सही पाया गया.

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