हरियाणा में फिर होने वाली जाट आंदोलन को देखते हुए राज्य में पहले से ही सीआरपीएफ के जवान तैनात कर दिये गए है.जाट समुदाय ने आगामी 5 जून से एक बार फिर से उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए सरकार पूरी तरह से अलर्ट हो गई है और सीआरपीएफ और बीएसएफ के जवानों को पांच दिन पहले से ही मोर्चे संभालने के लिए उतार दिया है.
उधर मुनक नहर पर भी पहरा बढ़ा दिया गया है.पिछली बार हुए जाट आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों ने मुनक नहर पर कब्जा कर लिया था जिसके चलते दिल्ली हरियाणा सहित अन्य इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई थी.वैसे सामान्य ड्यूटी के लिये तीन कंपनी तैनात की गई हैं. यहां एक कंपनी में करीब 120 जवान होते हैं. हालात ज्यादा बिगड़ने की स्थिति में रैपिड एक्शन फोर्स की चार कंपनियां हालात संभालेंगी. इसी के साथ बीएसएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट दो दिन पहले जाट आरक्षण से जुड़े आदेश पर रोक लगा चुका है. इसके बावजूद जाट समुदाय अपने लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन पर उतारू है.गौरतलब है कि पिछले आंदोलन के दौरान गिरफ़्तार हुए लोगों को रिहा करने और उन पर से केस हटाने की मांग को लेकर भी जाट समुदाय ने इस सिलसिले में हरियाणा सरकार को पांच जून तक का अल्टीमेट दिया.
दूसरी ओर एबीजेएएसएस के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपना वादा पूरा नहीं किया है, इसलिए हम पांच जून से हरियाणा में जाट न्याय रैली का आयोजन करेंगे. हालांकि उन्होंने आन्दोलन के बारे में विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया.
सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर गत फरवरी महीने में जाटों ने आन्दोलन किया था. आन्दोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोगों की मौत हुई थी और 320 लोग घायल हुए थे. इसके अतिरिक्त करोड़ों रुपये मूल्य की संपत्ति नष्ट हुई थी.