जीएसटी के तहत करदाता इकाइयों पर नियंत्रण को लेकर केन्द्र और राज्यों के बीच आज सहमति बन गई. हालांकि, वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी को अब एक जुलाई से लागू किया जायेगा.इससे पहले जीएसटी को एक अप्रैल से लागू किये जाने की योजना थी. करदाता इकाइयों पर नियंत्रण के मुद्दे पर केन्द्र द्वारा राज्यों की मांग मान लिये जाने के बाद सहमति बन गई है. केन्द्र ने नियंत्रण के मामले में करदाता इकाइयों की सालाना कारोबार के आधार पर बंटवारा किये जाने की राज्यों की मांग को काफी हद तक मान लिया.
जीएसटी परिषद की दिल्ली में नौवीं बैठक में हुये निर्णय के अनुसार डेढ करोड़ रुपये तक सालाना कारोबार करने वाली इकाइयों में 90 प्रतिशत राज्यों के अधिकार क्षेत्र में होंगी जबकि 10 प्रतिशत पर केन्द्र का अधिकार होगा. इसी प्रकार डेढ करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों में आधी केन्द्र और आधी राज्यों के नियंत्रण होंगी.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि राज्यों को उनके समुद्र तट से 12 मील के दायरे में होने वाली आर्थिक गतिविधियों पर कर वसूलने का अधिकार होगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस तरह का अधिकार संवैधानिक तौर पर केन्द्र के अधीन है.
जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक 18 फरवरी को होगी जिसमें अंतरराज्यीय कारोबार पर कराधान संबंधी एकीकृत जीएसटी विधेयक के मसौदे तथा अन्य सहायक विधेयकों के मसौदों को मंजूरी दी जायेगी. जीएसटी के लागू होने पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवाकर, और राज्यों के वैट आदि तमाम अप्रत्यक्ष कर इसमें समाहित हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि अब जीएसटी के एक अप्रैल के बजाय एक जुलाई से लागू होने की वास्तविक संभावना नजर आती है. जेटली ने कहा, एकीकृत जीएसटी के मामले में इसे लगाने और वसूली का अधिकार केन्द्र के पास होगा, हालांकि इसके लिये कानून में एक विशेष प्रावधान होगा. राज्यों को भी इसमें अधिकार दिये जायेंगे. एकीकृत जीएसटी एक राज्य से दूसरे राज्य में होने वाले वस्तु एवं सेवाओं के व्यापार पर लागू होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि एक करदाता का आकलन केवल एक ही प्राधिकरण द्वारा किया जायेगा. पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि परिषद की बैठक में उन्होंने असहमति जताई क्योंकि उनकी सरकार डेढ़ करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली 100 प्रतिशत इकाइयों पर राज्यों का नियत्रंण चाहती है. हालांकि, उन्होंने फैसले के मुताबिक 90 प्रतिशत ऐसी इकाइयों को राज्यों के अधिकार क्षेत्र में रखे जाने को छोटे व्यापारियों के हक में राज्यों की जीत बताया. केरल के वित्त मंत्री टी एम थॉमस इसाक ने हालांकि, इससे पहले कहा कि जीएसटी व्यवस्था में प्रशासन को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ, क्योंकि राज्य करदाताओं पर अपना पूरा नियंत्रण चाहते हैं.