बिहार की सरकार का ज्यादा समय तक टिके रहना मुश्किल : प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने महागठबंधन सरकार पर एकबार फिर निशाना साधा है।उन्होंने महागठबंधन की स्थिरता पर संदेह जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि 7 दलों की यह सरकार अगले विधानसभा और लोकसभा चुनाव तक चलेगी।समस्तीपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संभव है कि लोकसभा चुनाव तक ये लोग साथ रहे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है।

प्रशांत किशोर ने सरकार की अस्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार में ये छठवां प्रयोग है जिससे सरकार बदली है, इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है और विकास की गति धीमी हुई है।नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं, 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है और ये जदयू के चुनावी प्रदर्शन में साफ तौर पर देखा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि वे बिहार के समग्र विकास का ब्लूप्रिंट जारी करेंगे, जिसमें समस्या के साथ उसके समाधान का भी मार्ग बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे 2 अक्टूबर से पदयात्रा पर निकलेंगे। इसके तहत गांव-गांव में हर घर का दरवाजा खटखटाएंगे, जिससे बिहार के वास्तविक मुद्दों को समझ सकें।प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के बाद एक प्रयास किया जाएगा कि जो भी लोग जन सुराज अभियान में आगे साथ चलने के लिए तैयार होंगे, उनके साथ राज्य स्तर पर अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा।

इसके बाद तय किया जाएगा कि राजनीतिक दल बनाना है या नहीं। उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर ही आगे का रास्ता तय करेंगे और यह प्रकिया पूरे तौर पर लोकतांत्रिक एवं सामूहिक होगी।उन्होंने साफ लहजे में कहा कि वह प्रशांत किशोर का दल नहीं होगा, वह दल सारे व्यक्तियों का होगा जो इस सोच से जुड़कर इसके निर्माण में संस्थापक बनेंगे।

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