एकसाथ 20 सैटेलाइट लॉन्च कर इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) आज अपना ही रिकॉर्ड तोड़ देगा। आज सुबह 9.25 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C34) रवाना होगा। यह 26 मिनट 30 सेकंड में सारे सैटेलाइट लॉन्च कर देगा। भारत के पृथ्वी निगरानी उपग्रह काटरेसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह समेत 20 उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए काउन्टडाउन यानी उल्टी गिनती निर्बाध प्रगति पर है।
काउन्टडाउन कवायद में अंतरिक्षयान की जांच और पीएसएलवी-सी 34 के दूसरे चरण (पीएस 2) अभियान के लिए प्रणोदक भरने के अभियान के लिए तैयारियां प्रगति पर हैं। इसरो ने कहा, ‘अंतरिक्षयान की जांच और पीएसएलवी-सी 34 के दूसरे चरण (पीएस 2) अभियान के लिए प्रणोदक भरने के अभियान के लिए तैयारियां प्रगति पर हैं। काउन्टडाउन सामान्य रूप से प्रगति कर रहा है।’ श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी-34 के जरिए 20 उपग्रहों को आज प्रक्षेपित किया जाएगा।
इसरो ने इससे पहले वर्ष 2008 में 10 उपग्रहों को पृथ्वी की विभिन्न कक्षाओं में एक साथ प्रक्षेपित किया था। इस बार 20 उपग्रहों को एकसाथ प्रक्षेपित करके इसरो नया रिकॉर्ड बनाने के लिए तैयार है। इन उपग्रहों में अमेरिका, जर्मनी, कनाडा और इंडोनेशिया के उपग्रह भी शामिल है।कोटरेसैट-2 श्रृंखला का उपग्रह पूर्ववर्ती कोटरेसैट-2, 2ए और 2बी के समान है। कोटरेसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह को छोड़कर 19 अन्य उपग्रहों का कुल वजन 560 किलोग्राम है।
कोटरेसेट -2 उपग्रह और 19 अन्य उपग्रहों को 505 किलोमीटर की उंचाई पर सन सिनक्रोनस ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। इसरो के अनुसार सभी 20 उपग्रहों का वजन करीब 1,288 किलोग्राम है। इन उपग्रहों में अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के अलावा भारतीय विश्वविद्यालयों के दो उपग्रह भी शामिल हैं। इसरो के सूत्रों ने पहले बताया था कि इस अभियान में जिन उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जाएगा उनमें इंडोनेशिया का लापान ए3, जर्मनी का बिरोस, अमेरिका का स्काईसैट जेन 2-1 और जर्मनी का एमवीवी शामिल है।