भाजपा ने इशरत जहां मामले की व्यापक जांच करने की मांग करते हुए पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम पर आरोप लगाया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को फंसाने के लिए काम कर रहे थे.भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि गृह मंत्रालय के पूर्व अवर सचिव आर एस मणि ने एक चैनल पर खुलासा किया है कि हलफनामा बदलने के लिए उन पर दबाव डाला गया था.
मणि ने कहा है कि छह अगस्त 2009 को इस मामले में पहला हलफनामा उन्होंने ही तैयार किया था जिसमें कहा गया था कि इशरत जहां और उसके साथी लश्कर ए तैयबा से जुड़े थे.इस बारे में आईबी का इनपुट था और उच्च स्तर पर इसकी पुष्टि हुई थी. इस हलफनामे में कहा गया था कि इस मामले में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है. हलफनामे के लिए कानून मांलय की भी राय ली गयी थी. श्री मणि ने साथ ही कहा कि एसआईटी प्रमुख ने आईबी अधिकारी का नाम बताने के लिए उन पर दबाव डाला था.
प्रसाद ने बताया कि चिंदबरम के गृह मंत्री बनने के बाद 30 सितंबर 2009 को दूसरा हलफनामा उच्चतम न्यायालय में दायर किया गया था. पूर्व गृह सचिव पिल्लई ने भी हाल में कहा था कि यह गृह मंत्री के स्तर पर तैयार किया गया था और इस बारे में उनसे या उनके विभाग से नहीं पूछा गया था. कांग्रेस के नेताओं ने अपने राजनीतिक स्वार्थ को साधने के लिए देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया क्योंकि वे मोदी की लोकप्रियता से घबरा गए थे और उन्हें फंसाना चाहते थे.
क्या गृह मंत्री से ऐसे गैर जिम्मेदार व्यवहार की उम्मीद की जा सकती है. उन्होंने मोदी और शाह को फंसाने के लिए पूरे खुफिया तंत्र पर ही सवाल खड़े कर दिए.भाजपा नेता ने कहा चिदंबरम यह काम खुद नहीं कर रहे थे बल्कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के इशारे पर कर रहे थे. उन्होंने सरकार से इस मामले की व्यापक जांच कराने की मांग की.