लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, 2017 पेश किया गया, जो पास हो गया है. एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसमें तीन संसोधन की मांग रखी थी, जो वोटिंग के दौरान औंधे मुंह गिर गया. लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तीन तलाक बिल के पास होने की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि लोकसभा में तीन तलाक बिल पर अभी तक के सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज हो चुके हैं. ओवैसी के तीसरे संशोधन प्रस्ताव के पक्ष में सिर्फ एक वोट पड़ा. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने भारत में तीन तलाक पर बैन लगाने वाले विधेयक मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, 2017 के पास होने की घोषणा कर दी.
इस विधेयक की खास बात यह है कि इसे दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखते हुए तीन साल तक कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. तीन तलाक को आपराधिक करार देने वाले विधेयक को गुरुवार को लोकसभा ने पारित कर दिया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक को लेकर भरोसा दिया कि यह धर्म के बारे में नहीं है, बल्कि महिलाओं के आदर व न्याय के लिए है.
इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने विधेयक का विरोध किया और इस पेश किए जाने पर आपत्ति जताई. विधेयक तीन तलाक या मौखिक तलाक को आपराधिक घोषित करता है और इसमें तलाक की इस प्रथा का इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ अधिकतम तीन साल की जेल व जुर्माने का प्रावधान है. यह मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण व बच्चे की निगरानी का अधिकार देता है.