इराक में मारे गए 38 भारतीयों के परिजनों ने सरकार से नौकरी और आर्थिक मदद की गुहार लगाई। दूसरी ओर, पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने की बात कही। इससे पहले विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह मोसुल से भारतीयों के अवशेष लेकर अमृतसर लौटे।
उन्होंने मदद के सवाल पर कहा कि अभी एलान कहां से करें, जेब में कोई पिटारा थोड़ी रखा हुआ है। बता दें कि आईएस ने मोसुल में 39 भारतीयों की हत्या कर दी थी, लेकिन एक का डीएनए पूरी तरह से मैच नहीं हुआ।
जनरल वीके सिंह ने पीड़ितों के परिवार को नौकरी दिए जाने के सवाल पर कहा- यह कोई फुटबॉल का खेल नहीं है, केंद्र और राज्य सरकारें संवेदनशील हैं। विदेश मंत्रालय ने मृतकों के परिवार से जानकारी मांगी है, ताकि उन्हें नौकरी या किसी तरह की मदद दी जा सके। यह बिस्किट बांटने का काम नहीं है।
आदमी की जिंदगी का सवाल है। आ गई बात समझ में?मृतक सगानंद लाल के भाई मलकीत राम ने कहा कि सरकार ने हमें मुआवजा और रोजगार मुहैया कराने का भरोसा दिया है। इसीलिए वो डीएनए टेस्ट कराने के बाद ही भाई की बॉडी सौंपेंगे ताकि आगे कोई शंका न रहे। बता दें कि सगानंद जालंधर से काम के लिए इराक गए थे।
वहीं, मृतक दविंदर सिंह की पत्नी मनजीत कौर को पति के खोने के बाद बच्चों के लालन-पालन की चिंता सता रही है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार कोई रोजगार देगी ताकि बच्चों को पढ़ा सकें। सरकार पर भरोसा है। पहले कहा था कि पति को वापस लेकर आएंगे, लेकिन आज तो उनका पार्थिव शरीर ही लौटा है।
कैप्टन सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा मरने वालों में 27 पंजाब से हैं, हमारी सरकार उनके परिवारों को 5-5 लाख की आर्थिक मदद देगी। फिलहाल उन्हें मिल रही 20 हजार रुपए पेंशन भी जारी रहेगी।जनरल वीके सिंह सोमवार दोपहर इराक से 38 भारतीयों के अवशेष लेकर भारत लौट आए।
उनका स्पेशल प्लेन अमृतसर में लैंड हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ परिजनों ने एयरपोर्ट पर ही कॉफिन खोलने की मांग की, हालांकि समय की कमी के चलते ऐसी इजाजत नहीं दी गई। इससे पहले इराक में सिंह ने खुद विमान में ताबूतों को रखने में सहारा दिया। उन्होंने ट्वीट किया कुछ जिम्मेदारियों का बोझ काफी ज्यादा होता है।