लोकसभा में कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी दिए जाने का मुद्दा उठा. कई सदस्यों ने पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करने की मांग करते हुए उसकी इस कार्रवाई की निंदा की. इस पर बोलते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत इस सजा की पुरजोर शब्दों में निंदा करता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत इस मसले पर किसी भी हद तक जाने को तैयार है.
भारत कुलभूषण के लिए हर संभव प्रयास करेगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में न्याय के सिद्धांतों की अनदेखी हुई है. कुलभूषण को बचाव के लिए वकील तक मुहैया नहीं कराया गया.उन्होंने यह भी कहा कि कुलभूष्ाण को अगवा कर पाकिस्तान में लाया गया.उल्लेखनीय है कि सोमवार को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई है.
कुलभूषण पर पाकिस्तान आर्मी कानून के तहत मुक़दमा चलाया गया. पाकिस्तान लगातार ये दावा कर रहा है कि वो रॉ के एजेंट हैं. हालांकि भारत पहले ही साफ़ कर चुका है कि कुलभूषण रॉ एजेंट नहीं हैं. भारत ने कहा था कि वो नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं, लेकिन वो किसी भी रूप में सरकार से नहीं जुड़े हुए हैं. पाकिस्तान ने आरोप लगाए कि जाधव पाकिस्तान को अस्थिर करना और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जंग छेड़ना चाहते थे.
कुलभूषण को 3 मार्च 2016 को ईरान से पाक में अवैध घुसपैठ के चलते गिरफ़्तार किया गया था. पाकिस्तानी सेना के कानून के तहत आए इस फैसले पर 90 दिनों के भीतर अमल होना तय है और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के मुहर लग जाने के बाद इस फैसले के खिलाफ अपील की कोई गुंजाइश नहीं है.
इस फैसले पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए पाकिस्तान से कहा है कि अगर कुलभूषण जाधव को फांसी दी गई तो यह सुनियोजित हत्या होगी. भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर जाधव की सजा पर कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि इस मामले में न्याय के मौलिक सिद्धांतों की अनदेखी की गई.