सरकारी तेल कंपनियां मुनाफा बढ़ा रही हैं। इंडियन ऑयल कंपनी (आईओसी) ने जारी तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2017) के नतीजे में बताया कि कंपनी ने दोगुना मुनाफा कमाया है। 2016 की दिसंबर तिमाही में प्रॉफिट 3994.91 करोड़ रु. था। जो 97% बढ़कर 7883.22 करोड़ हो गया।
वजह कंपनी ने इंटरनेशनल मार्केट से कच्चा तेल (क्रूड ऑयल) तो सस्ते में खरीदा, लेकिन पेट्रोल-डीजल महंगे दामों पर बेचती रही। इससे कंपनी का रिफाइनिंग मार्जिन काफी बढ़ गया। रेवेन्यू के लिहाज से इंडियन ऑयल देश की सबसे बड़ी कंपनी है। मुनाफे के बाद आईओसी प्रति शेयर 19 रु. डिविडेंड देगी।
आईओसी का मुनाफा 97% बढ़ गया, लेकिन रेवेन्यू में सिर्फ 13% इजाफा हुआ है। पहले यह 1.15 लाख करोड़ था। अब 1.30 लाख करोड़ हो गया। क्वांटिटी के लिहाज से भी पिछले साल की तिमाही की तुलना में घरेलू बाजार में बिक्री सिर्फ 4.1% बढ़ी। और रिफाइनरी प्रोसेसिंग भी 11.4% ही बढ़ी है।
दिसंबर क्वार्टर में IOC ने 4.1% इजाफे के साथ 2.09 करोड़ टन फ्यूल की बिक्री की थी।इसमें सिर्फ 11.4% के इजाफे के साथ कंपनी ने 1.82 करोड़ टन क्रूड की रिफाइनिंग की।आईओसी को मुनाफे का 80% हिस्सा इन्वेंट्री पर होने वाले फायदे से हुआ।
कंपनी ने तय रेट पर क्रूड खरीदा। प्रोसेसिंग के बाद बेचने गई तो क्रूड महंगा हो गया। इससे पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ गए। इससे कंपनी को जो अतिरिक्त मुनाफा हुआ, उसे इन्वेंट्री गेन कहते हैं।वहीं, ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन 60% से ज्यादा बढ़ा। 7.67 डॉलर से 12.32 डॉलर प्रति बैरल हो गया।