चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट के अनुमान व्यक्त किए जाने के विपरीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था विकास की राह पर फिर से उड़ान भरने को तैयार है।
देश की क्षमता, संकट प्रबंधन कौशल, किसानों और उद्यमियों पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि भारत अपनी आर्थिक वृद्धि को वापस हासिल कर लेगा।
प्रधानमंत्री मोदी यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की वाषिर्क आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सुधारों की गति बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को पुराने कानूनों की बंदिशों से मुक्त कर खोलने की दिशा में सरकार की ओर से उठाए जा रहे सुधारवादी कदमों का अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक लाभ होगा।
इसके संकेत दिखने शुरू हो गए हैं।मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक है। सरकार ने जो फैसले तुरंत लिए जाने हैं वह ले रही है।
इसके साथ ही ऐसे भी निर्णय लिए गए हैं जो कि लंबे समय में देश की मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्र जो अब तक बंद थे उन्हें निजी क्षेत्र के लिए खोला गया है। इन सुधारों से आने वाले समय में आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वीडियो कन्फ्रेंस के जरिए आयोजित सम्मेलन से जुड़े उद्योगपतियों को संबांधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘साथियों, कोरोना ने हमारी चाल जितनी भी धीमी की हो लेकिन आज देश की सबसे बड़ी सचाई यही है कि भारत, लॉकडाउन को पीछे छोड़कर अनलॉक- पहले चरण में प्रवेश कर चुका है।
इस चरण में अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा खुल चुका है। काफी हिस्सा अभी आठ जून के बाद और खुलने जा रहा है। यानी ‘वृद्धि को वापस हासिल करने की शुरुआत तो हो चुकी है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ये सब हम इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि जब दुनिया में कोरोना वायरस पैर फैला रहा था तो भारत ने सही समय पर, सही तरीके से सही कदम उठाए। दुनिया के तमाम देशों से तुलना करें तो आज हमें पता चलता है कि भारत में लॉकडाउन का कितना व्यापक प्रभाव रहा है।
इस लॉकडाउन में भारत ने कोरोना से लड़ाई के लिए भौतिक संसाधनों को तो तैयार किया ही, अपने मानव संसाधन को भी बचाया है। ऐसे में अब सवाल ये कि इसके आगे क्या? उद्योग जगत के प्रमुख होने के नाते, आपके मन में ये सवाल जरूर होगा कि अब सरकार क्या करने जा रही है?