राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि नया भारत आकार ले रहा है और वह पड़ोसी देशों में स्थिरता और विकास चाहता है.उन्होंने यहां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के 36 वें संस्करण का औपचारिक उद्घाटन करते हुए कहा कि आर्थिक समृद्धि के लिए शांति और स्थिरता जरूरी है. भारत का मानना है कि पड़ोसी देशों में स्थिरता बनी रहे और वहां के लोगों का आर्थिक विकास हो.
उन्होंने कहा कि भारत की विकास संबंधी नीति ‘लोग सबसे पहले’ की है और विकास की अवधारणा सहयोगात्मक भागीदारिता की है. देश का मुख्य एजेंडा क्षेत्रीय सदभावना, शांति और समृद्धि है जिसके तहत आधारभूत ढांचा, संपर्कता, क्षमता निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य विकास परियोजनाएं चलाई जा रही हैं. मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी परियोजनाओं और कार्यक्रमों से नया भारत आकार ले रहा है.
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत बहुस्तरीय संगठनों में समान विचारधारा वाले देशों के साथ काम कर रहा है.इसके संयुक्त राष्ट्र से लेकर आर्कटिक परिषद और प्रशांत गठबंधन तक बात की जा रही है. भारत ने हाल में ब्रिक्स और बिम्सटेक में सम्मेलन आयोजित किए हैं और इस विचार को आगे बढ़ाया है. उन्होंने घरेलू अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि वस्तु एवं सेवाकर प्रणाली से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आपसी प्रतिस्पर्धा का विकास होगा.
इससे निवेश को आकषिर्त करने में मदद मिलेगी. रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. नवीनीकरणीय ऊर्जा पर जोर देने के लिए सरकार की सराहना की.व्यापार मेला 27 नवंबर तक चलेगा और 18 नवंबर तक का समय कारोबारियों के लिए रखा गया है. इसके बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. इस वर्ष मेले की मुख्य विषय ‘डिजिटल इंडिया’है.
मेले में मेक इन इंडिया कार्यक्रम एवं व्यापार तथा उद्योग को सामाजिक आर्थिक विकास के एक इंजन के रूप में दिखाता है. मेले में स्वच्छ भारत अभियान, नमामि गंगे,जन-धन योजना, स्किल इंडिया, आधार, 175 सोलर मिशन, किसान फसल बीमा, कायाकल्प और शहरी रूपांतरण के लिए अटल मिशन (अमृत), स्टार्ट अप एवं स्टैंड अप अभियान, स्मार्ट सिटी, मॉडल ग्राम आदि को प्रदर्शित किया गया है.