भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पैंगोंग झील में लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट क्षमता का प्रदर्शन किया।सेना के अधिकारियों के मुताबिक नावें एक समय में 35 लड़ाकू सैनिकों को ले जा सकती हैं और बहुत ही कम समय में झील के किसी भी क्षेत्र तक पहुंच सकती हैं।
नौकाओं का रखरखाव भारतीय सेना के इंजीनियर्स कोर द्वारा किया जाता है और रक्षा मंत्री राजनाथ द्वारा सेना को सौंप दिया गया था।तनाव तब पैदा हो रहा है, जब चीन लद्दाख के कई क्षेत्रों में वार्ता को रोक रहा है।पूर्वी लद्दाख में दो साल से अधिक समय से भारतीय और चीनी सैनिक कई बिंदुओं पर गतिरोध में लगे हुए हैं।
दोनों पक्षों ने उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के परिणामस्वरूप क्षेत्र के कई क्षेत्रों में विघटन प्रक्रिया को अंजाम दिया। हालांकि, दोनों पक्षों को शेष घर्षण बिंदुओं में आमने-सामने को समाप्त करने में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।इससे पहले पिछले महीने भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 16वीं और ताजा बैठक 17 जुलाई को भारत की ओर चुशुल-मोल्दो सीमा मिलन स्थल पर हुई थी।
हालांकि दोनों पक्ष सैन्य वार्ता के नवीनतम दौर में पूर्वी लद्दाख में शेष तनाव वाले बिंदुओं पर बकाया मुद्दों को हल करने में कोई सफलता हासिल करने में विफल रहे, लेकिन जल्द से जल्द पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए।