भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीन के सैनिकों की भिड़त की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से निराधार हैं. सेना की ओर से कहा गया है कि ऐसी कोई घटना इलाके में नहीं हुई है और चीन के साथ बातचीत के जरिए ही सीमा विवाद को सुलझाया जा रहा है.
सेना का यह बयान बिजनेस स्टैंडर्ड की उस रिपोर्ट पर आया है जिसमें दोनों सेनाओं के बीच टकराव की बात कही गई थी.सेना की ओर से कहा गया है कि फरवरी से शुरू हुए डिसइंगेजमेंट समझौते के बाद से दोनों ही ओर से किसी की सीमा में दाखिल होने की कोशिश नहीं की गई है.
गलवान और किसी अन्य इलाके में ऐसी कोई भिड़ंत नहीं हुई है. रिपोर्ट को खारिज करते हुए सेना ने कहा कि इसमें तथ्यों के साथ खिलवाड़ की गई है और यह बात पूरी तरह झूठ है.इंडियन आर्मी की ओर से साफ किया गया कि दोनों ओर से बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझान के प्रयास किए जा रहे हैं और लगातार भारतीय सेना इलाके में गश्त कर रही है.
अब तक क्षेत्र में हालात पूरी तरह से सामान्य हैं. इसके अलावा बताया गया कि चीनी सैनिकों की हर हरकत पर भारतीय सेना बारीकी से नजर बनाए हुए है.इस रिपोर्ट में कहा गया था कि पूर्वी लद्दाख के इलाके में कई जगह चीनी सैनिकों ने LAC को पार किया है. साथ ही दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प होने ही बात भी कही गई थी.
रिपोर्ट में लिखा गया कि चीन की सेना के साथ यह टकराव गलवान नदी के करीब उसी इलाके में हुआ है, जहां पिछले साल 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए.उधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए ताजिकिस्तान की यात्रा पर हैं.
इस बैठक में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी शामिल हो सकते हैं.जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के इतर भाग लेने वाले कुछ देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. माना जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख के मसले पर चीन के विदेश मंत्री के साथ उनकी द्विपक्षीय बातचीत हो सकती है.