अरुणाचल में भारत और चीन के सैनिक एक बार फिर आमने-सामने आ गए। लेकिन किसी भी तरह से झड़प या नुकसान की बात सामने नहीं आई है। सैनिकों और अफसरों ने बातचीत के जरिये मामला सुलझा लिया गया।
भारतीय और चीनी सैनिक पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से के पास कुछ देर के लिए आमने-सामने आ गए थे और इसे स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद सुलझाया गया। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
समझा जाता है कि यह नोंकझोंक उस वक्त हुई जब चीनी गश्ती दल ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की और चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों को वापस भेज दिया गया।यह घटना पूर्वी लद्दाख विवाद पर दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के एक और दौर से पहले सामने हुई।
एक सूत्र ने बताया कि अगले तीन-चार दिनों में कोर कमांडर स्तर की वार्ता होने की संभावना है।ताजा गतिरोध के बारे में सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष अपनी-अपनी मानी जाने वाली जगह के पास गश्त की गतिविधियां करते हैं और जब भी सैनिकों के बीच बहस होती है, स्थिति को स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार सुलझाया जाता है।
उक्त सूत्र ने बताया परस्पर समझ के मुताबिक पीछे हटने से पहले कई घंटों तक बातचीत चल सकती है। हालांकि, बलों को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। उन्होंने कहा भारत-चीन सीमा का औपचारिक रूप से सीमांकन नहीं हुआ है और इसलिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर दोनों देशों की समझ में अंतर है।
घटना से अवगत लोगों ने कहा कि क्षेत्रों को लेकर अलग-अलग धारणाओं के बावजूद दोनों देशों के बीच मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के पालन से शांति बनाए रखना संभव है।यह घटना पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास कई इलाकों में करीब 17 महीने से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच जारी विवाद के बीच हुई है।