उज्बेक राष्ट्रपति से मिले प्रधानमंत्री मोदी

narendre-modi-02

भारत और उजबेकिस्तान ने परमाणु ऊर्जा, रक्षा और व्यापार समेत महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उजबेक राष्ट्रपति इस्लाम करीमोव के बीच चर्चा के दौरान दोनों देशों ने ‘विस्तारित पड़ोस’ में बढ़ते आतंकवाद पर साझा चिंता व्यक्त की। उजबेकिस्तान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां राष्ट्रपति इस्लाम करीमोव से द्विपक्षीय और अफगानिस्तान सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।बातचीत के बाद दोनो देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग के तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किये जिनमें विदेश कार्यालय, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता शामिल है।

ताशकंद पहुंचने पर मोदी का उनके उज्बेक समकक्ष शवकत मिरोमोनोविच मिर्जियोयेव ने हवाई अड्डे पर पारंपरिक स्वागत किया। मोदी और करीमोव के बीच हुई बातचीत के दौरान सामरिक, आर्थिक और ऊर्जा क्षेत्रों में संबंधों को बेहतर बनाने के अलावा अफगानिस्तान की स्थिति सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों की समीक्षा की गई।संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैंने उजबेकिस्तान से अपनी यात्रा शुरू की है जो भारत के लिए इस देश के महत्व को दर्शाता है, न केवल इस क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे एशिया के लिए। राष्ट्रपति करीमोव और मैंने भारत और उजबेकिस्तान के बीच कनेक्टिविटी को और बढ़ाने की विभिन्न पहलों पर चर्चा की।

मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति सहित अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई और इस देश में शांति एवं स्थिरता के महत्व को दोहराया।इस संदर्भ में मोदी ने कहा, ‘हमने दोनों देशों के ‘विस्तारित पड़ोस’ में बढ़ते उग्रवाद और आतंकवाद के खतरों के बारे में चिंताओं को साझा किया।’दोनों नेता रक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। मोदी ने कहा, ‘हमने सुरक्षा सहयोग और आदान-प्रदान बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। इस संदर्भ में इस वर्ष बाद में आतंकवाद निरोधी संयुक्त कार्यकारी समूह की बैठक होगी। हमने रक्षा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने पर भी सहमति व्यक्त की।’

उन्होंने कहा कि उनकी राष्ट्रपति करीमोव के साथ बातचीरत काफी फलदायक रही और यह संबंधों को और गहरा बनाने की दिशा में था। उन्होंने दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी निर्मित होने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘इसमें आर्थिक सहयोग, आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई, क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय एकात्मकता को प्रोत्साहित करना शामिल है।’ दोनों नेताओं ने खनिज संसाधन से सम्पन्न उजबेकिस्तान से यूरेनियम आपूर्ति के बारे में पिछले वर्ष हुए अनुबंध को लागू करने के तौर तरीकों पर भी चर्चा की। दोनों देशों के बीच 2000 मिट्रिक टन येलो केक :यूरेनियम: की आपूर्ति करने संबंधी समझौता हुआ था।

दोनों नेताओं ने कनेक्टिविटी को और आगे बढ़ाने के बारे में विभिन्न पहलों पर चर्चा की। मोदी ने उजबेक राष्ट्रपति को अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन कोरिडोर के बारे में बताया और उजबेकिस्तान के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि वह इसका सदस्य बने। मोदी ने उजबेक राष्ट्रपति से अश्काबात समझौते में भारत को शामिल किये जाने के लिए समर्थन मांगा। उजबेकिस्तान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान और ओमान के बीच यह ट्रांजिट समझौता 2011 में हुआ था। वहीं उत्तर दक्षिण परिवहन कोरिडोर भारत, रूस, ईरान और मध्य एशिया के बीच जहाज, रेल और सड़क मार्ग से माल की आवाजाही से जुड़ा है। 

दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के बारे में चर्चा करते हुए मोदी ने कहा, ‘मैंने उन्हें बताया कि उजबेकिस्तान में निवेश करने को लेकर भारतीय कारोबारियों में गहरी रूचि है। उजबेकिस्तान के विविध क्षेत्रों में काफी क्षमताएं हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने उनसे (करीमोव से) आग्रह किया कि भारतीय निवेश को आसान बनाने के लिए प्रक्रियाएं और नीतियां बनाएं। राष्ट्रपति ने मेरे सुझाव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।’ मोदी ने बताया कि राष्ट्रपति करीमोव कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी और उर्जा के क्षेत्रों में जारी सहयोग को और गहरा करने के भी समर्थक हैं।उन्होंने कहा कि संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में आज हुए समझौतों से दोनों देशों की जनता करीब आयेगी।

उन्होंने कहा, ‘हिन्दी और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने में उजबेकिस्तान का मुकाबला कुछ ही देश कर सकेंगे। कल मैं भारतीयविदों और हिन्दी भाषाविदों के समूह से मिलने को लेकर उत्सुक हूं।’ इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उजबेक राष्ट्रपति करीमोव को भारत के 13वीं सदी के महान सूफी कवि अमीर खुसरो की कृति खमसा ए खुसरो की प्रतिकृति तोहफे में दी। उत्तरप्रदेश मे जन्मे खुसरो के पिता उजबेकिस्तान के थे।मोदी ने कहा, ‘कल मैं स्वतंत्रता एवं मानवता के स्मारक और दिवंगत भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के स्मारक पर जाऊंगा। हम ताशकंद और उजबेकिस्तान के लोगों के आभारी है कि उन्होंने हमारे पूर्व प्रधानमंत्री की विरासत का संरक्षण किया।’

मोदी ने कहा, ‘यह काफी सार्थक यात्रा रही। इस यात्रा के जरिए आने वाले वर्षों’ में अच्छी फसल के बीज बोये गये हैं।’ बाद में जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति करीमोव और प्रधानमंत्री मोदी ने भारत.उजबेकिस्तान सामरिक संबंधों, विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के साथ आपसी हितों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों समेत व्यापक विषयों पर चर्चा की।

दोनों पक्षों ने राजनीतिक संबंधों, सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, व्यापार एवं निवेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ सांस्कृतिक संबंधों समेत दीर्घावधि द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने एवं इसका विस्तार करने की बात दोहरायी। राष्ट्रपति करीमोव ने कहा कि भारत के साथ मजबूत संबंध उजबेकिस्तान की विदेश नीति की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने जोर दिया कि भारत और उजबेकिस्तान के बीच मजबूत सामरिक संबंध मध्य एशिया के साथ भारत के जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है।

संयुक्त बयान के अनुसार, ‘दोनों पक्षों ने एक दूसरे के नेतृत्व एवं अन्य स्तर पर आधिकारिक यात्राओं के जरिये नियमित द्विपक्षीय विचार विमर्श एवं राजनीतिक वार्ता को आगे बढ़ाने एवं क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर आपसी द्विपक्षीय समझ को प्रोत्साहित करने पर सहमति जताई। दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा के समक्ष खतरों एवं चुनौतियों का समय पर और पर्याप्त ढंग से सामना करने के महत्व को रेखांकित किया और इस बारे में आतंकवाद निरोध पर उजबेकिस्तान भारत संयुक्त कार्यकारी समूह के ढांचे के तहत कानून अनुपालन एजेंसियों और विशेष सेवाओं के बीच समन्वय को मजबूत बनाने का इरादा व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने रक्षा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की। दोनों देशों ने निवेश सहयोग और बढ़ाने का भी आह्वान किया। इन्होंने भारतीय कंपनियों द्वारा उजबेकिस्तान में निवेश के लिए उपयुक्त माहौल बनाने की भी बात कही जिसमें विशेष आर्र्थिक क्षेत्र ‘नावोई’, अंग्रेन और जिज्जाख शामिल हैं।

दोनों पक्षों ने फार्मा, हल्का उद्योग, आईटी और संचार जैसे क्षेत्रों में संयुक्त निवेश परियोजनाओं की संभावनाओं का भी जिक्र किया।शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के दौरान दोनों देशों ने सड़क सम्पर्क बढ़ाने के विभिन्न विकल्पों पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने पर्यटन को द्विपक्षीय सहयोग का महत्वपूर्ण क्षेत्र बताया। दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान की स्थिति पर भी चर्चा की और पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए इस देश के महत्व को रेखांकित किया। रूस सहित छह देशों की यात्रा के पहले चरण में मोदी यहां पहुंचे हैं। वह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और शंघाए सहयोग संगठन :एससीओ: की बैठक में भी शामिल होंगे।उजबेकिस्तान से मोदी कल कजाखस्तान के लिए रवाना होंगे। वह आठ जुलाई को रूस जाएंगे। दस जुलाई को उन्हें तुर्कमेनिस्तान जाना है। वह 11 जुलाई को किर्गिस्तान तथा 12 जुलाई को ताजिकिस्तान में होंगे।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …