विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने किर्गिस्तान के अपने समकक्ष रुस्लान कजाकबायेव के साथ द्विपक्षीय मुद्दों और अफगानिस्तान समेत कई अंतरराष्ट्रीय मामलों पर सद्भावनापूर्ण एवं रचनात्मक बातचीत की और इस दौरान भारत किर्गिस्तान में विकास परियोजनाओं के लिए 20 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा देने पर सहमत हुआ।
जयशंकर तीन मध्य एशियाई देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से किर्गिस्तान, कजाखस्तान और आम्रेनिया की अपनी चार दिवसीय यात्रा के तहत रविवार को यहां पहुंचे। जयशंकर ने ट्वीट किया, किर्गिस्तान के विदेश मंत्री रुस्लान कजाकबायेव के साथ सद्भावनापूर्ण और रचनात्मक बातचीत हुई।
विकास परियोजनाओं में मदद करने के लिए 20 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा पर सहमति जताई। इसके अलावा अत्यधिक प्रभाव वाली सामुदायिक परियोजनाओं को लेकर आपसी सहमति बनी।विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर करने से विभिन्न क्षेत्रों में भारत सरकार द्वारा पूर्ण अनुदान प्राप्त सामुदायिक विकास परियोजनाओं का क्रियान्वयन हो सकेगा, जिससे आमजन को लाभ होगा।
जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम और क्षेत्र की शांति एवं सुरक्षा पर इसके कारण पड़ने वाले प्रभाव पर भी कजाकबायेव से वार्ता हुई। उन्होंने कहा, हम अफगानिस्तान में स्थिति पर निकटता से नजर रख रहे हैं। हम सभी इसे लेकर चिंतित हैं। अफगानिस्तान में किसी भी अस्थिरता का प्रभाव क्षेत्र पर भी पड़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अफगानिस्तान में मौजूदा शासन से अपेक्षाएं हैं, जिनके बारे में यूएनएससीआर 2593 में काफी विस्तार से बताया गया है।जयशंकर ने ट्वीट किया अफगानिस्ताव में हालिया घटनाक्रम को लेकर भारत और किर्गिस्तान का साझा दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा कि भारत और किर्गिस्तान के पारंपरिक रूप से निकट और सद्भावनापूर्ण संबंध हैं, जिन्हें दोनों देशों के ऐतिहासिक और सभ्यता पर आधारित संबंध और मजबूत करते हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच समय-समय पर उच्च स्तरीय वार्ताएं द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने तथा और विस्तार देने में मददगार रही हैं। जयशंकर ने कहा, मैंने हमारे सहयोग के विभिन्न आयामों पर आज सुबह विदेश मंत्री रुस्लान कजाकबायेव के साथ विस्तार से और उपयोगी वार्ता की। हमें कुल मिलाकर यह लगता है कि हमारे द्विपक्षीय संबंध सही प्रकार के आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में आदान-प्रदान और बलों के प्रशिक्षण को लेकर भी सकारात्मक तरीके से बातचीत की।विदेश मंत्रालय ने जयशंकर के हवाले से कहा, क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने के प्रति हमारे साझा हितों के मद्देजनर रक्षा क्षेत्र में सहयोग का हमारे संबंधों में अहम स्थान है। हमने रक्षा क्षेत्र में हमारे आदान-प्रदान और बलों के प्रशिक्षण पर सकारात्मक तरीके से बातचीत की।
उन्होंने एक बयान में कहा हम अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण और जैव चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए। कोविड-19 महामारी की बाधाओं के बावजूद वाषिर्क सैन्य अभ्यास खंजर का आयोजन उल्लेखनीय है।उन्होंने कहा हमने भारतीय छात्रों की शीघ्र यात्रा और वीजा व्यवस्था में अधिक उदारता अपनाने की आवश्यकता पर चर्चा की। हमने हमारे रक्षा सहयोग की सकारात्मक समीक्षा की।