आतंकवाद को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को लगाई फटकार

भारत ने लंबे समय से सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का दंश झेला है और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा अंजाम दिए गए 2008 के मुंबई आतंकी हमले तथा 2016 के पठानकोट आतंकी हमले के पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिला है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद में आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा विषय पर भारत की इस दृढ़ मान्यता को दोहराया कि दुनिया के एक भी हिस्से में आतंकवाद यदि है तो वह समूची दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है।

उन्होंने कहा कि एक ऐसे देश के रूप में जिसे 2008 के मुंबई आतंकी हमले और 2016 के पठानकोट आतंकी हमले सहित सीमा पार आतंकवाद का खामियाजा भुगतना पड़ा है भारत आतंकवाद की मानवीय कीमत से अवगत है और इन आतंकी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।तिरुमूर्ति ने कहा कि आतंकी हमलों की निंदा करते हुए हमारी प्रतिक्रिया एकजुट और स्पष्ट होनी चाहिए।

हमें इस तथ्य को नहीं भूलना चाहिए कि अमेरिका में हुए 11 सितम्बर के हमलों के 20 साल बाद भी ऐसे नेता हैं जो बिना किसी पछतावे के ओसामा बिन लादेन का, एक शहीद के रूप में बचाव करना जारी रखते हैं। तिरुमूर्ति का इशारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर था, जिन्होंने मारे गए अलकायदा प्रमुख को शहीद बताया था।

आईएसआईएल-दाएश के खतरों के संबंध में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस की 14वीं रिपोर्ट पर तिरुमूर्ति ने उन सभी पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की, जिन्होंने अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, इराक, सीरिया, कांगो और युगांडा में हाल के आतंकवादी हमलों में अपने प्रियजनों को खो दिया।

तिरुमूर्ति ने परिषद के समक्ष कहा कि आतंकवाद हर किसी को प्रभावित करता है, चाहे वह किसी भी स्थान या मूल का हो। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से, आतंकी कृत्यों के पीछे की मंशा के आधार पर आतंकवाद से निपटने की दोषपूर्ण मानसिकता से बाहर आने में लंबा वक्त लगा। उन्होंने कहा हमने हाल में अपने क्षेत्र में और अब संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में ड्रोन के माध्यम से आतंकवादी हमले देखे हैं, जिनकी सुरक्षा परिषद ने कड़ी निंदा की है।

हाल में परिषद के प्रस्ताव 2617 में मानव रहित विमान प्रणालियों द्वारा उत्पन्न इस खतरे पर ध्यान दिलाया गया है। हमें इन खतरों से निपटने के लिए उपयुक्त समाधान विकसित करने और वैश्विक मानकों को विकसित करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।
पिछले साल जून में दो ड्रोन के जरिए जम्मू हवाई अड्डे पर स्थित भारतीय वायु सेना स्टेशन पर विस्फोटक सामग्री गिराई गई, जिससे दो कर्मी घायल हो गए थे।

तिरुमूर्ति ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की आठ सूत्री कार्य योजना को भी दोहराया। तिरुमूर्ति वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र काउंटर टेररिज्म कमेटी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र कार्यालय काउंटर-टेररिज्म और यूएन काउंटर-टेररिज्म कमेटी के कार्यकारी निदेशालय के साथ मिलकर काम करेगा और सभी हितधारकों के साथ इस मुद्दे को उठाना जारी रखेगा ताकि आतंकवाद और उसके गुनहगारों के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ का दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी विमर्श का ध्येय बन जाए।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *