संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने सामान्य सुरक्षा और आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए चीन पर निशाना साधा है।चीन पर प्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधते हुए भारत ने आतंकवाद से लड़ने के मुद्दे पर किसी दोहरे मापदंड को लेकर आगाह किया और कहा कि यथास्थिति बदलने की कोशिश करने वाली कोई भी बलपूर्वक या एकतरफा कार्रवाई साझा सुरक्षा के सिद्धांत का उल्लंघन है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने संवाद एवं सहयोग के जरिये साझा सुरक्षा को बढ़ावा देने के विषय पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय समझौतों का सम्मान करना चाहिए।
यूएनएससी की यह बैठक चीन की ओर से बुलाई गई थी, जो अगस्त के लिए सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है और 15 सदस्यीय परिषद में उसके पास वीटो का अधिकार है।कंबोज ने चीन और उसके करीबी सहयोगी पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा साझा सुरक्षा तभी संभव है, जब सभी देश आतंकवाद जैसे साझा खतरों के खिलाफ एक साथ खड़े हों और दोहरे मापदंड न अपनाएं।
उन्होंने क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख को लेकर भी उस पर निशाना साधा।कंबोज ने कहा यथास्थिति बदलने की कोशिश करने वाली कोई भी बलपूर्वक या एकतरफा कार्रवाई साझा सुरक्षा का उल्लंघन है। साझा सुरक्षा तभी संभव है, जब देश एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें, जैसे कि वे अपनी संप्रभुता का सम्मान किए जाने की उम्मीद करते हैं।
कंबोज ने कहा साझा सुरक्षा तभी संभव है, जब देश दूसरों के साथ किए गए द्विपक्षीय या बहुपक्षीय समझौतों का सम्मान करें और एकतरफा कदम न उठाएं।इस टिप्पणी से उनका इशारा चीन द्वारा 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैनिकों का जमावड़ा कर सीमा समझौतों का उल्लंघन करने की घटना की ओर माना जा रहा है।