भारत और कतर ने वित्तीय जानकारी के आदान प्रदान, धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने तथा गैस संपन्न खाड़ी देश से बुनियादी ढांचे में विदेशी निवेश आकर्षित करने सहित 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किये। कौशल विकास और शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और खेल के क्षेत्रों में सहयोग और निवेश अन्य समझौते हैं जिन पर भारतीय और कतर अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी की मौजूदगी में हस्ताक्षर किये।
बहु क्षेत्रीय साझेदारी और भारत-कतर संबंधों को मजबूत करने के लिए मोदी और शेख तमीम के बीच आधिकारिक वार्ता हुई और इसके बाद समझौतों और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर हुए। प्रधानमंत्री की यात्रा के दूसरे दिन ये हस्ताक्षर हुए। राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष में निवेश को लेकर कतर निवेश प्राधिकरण और विदेश मंत्रालय के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ। यह गैस बहुल खाड़ी देश से विदेशी निवेश को बढ़ावा देगा।
वित्तीय खुफिया इकाई भारत (एफआईयू-इंडिया) और कतर वित्तीय सूचना इकाई (क्यूएफआईयू) के बीच हुए एक एमओयू पर हस्ताक्षर से धन के प्रवाह का पता लगाने और कतर से भारत में निवेश में मदद मिलेगी। इससे अधिकारियों को धन शोधन, आतंकवाद वित्त पोषण और अन्य आर्थिक अपराधों का पता लगाने में भी मदद मिलेगी।
सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक मदद को लेकर भी एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ। पर्यटन में सहयोग पर भी एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ। मोदी को अमीरी दीवान में एक पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच आधिकारिक द्विपक्षीय वार्ता हुई।
मोदी और शेख तमीम ने भारत-कतर संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए यहां कई मुद्दों पर विस्तृत वार्ता की। खाड़ी क्षेत्र में भारत के लिए कतर एक अहम व्यापारिक साझेदार है जिनके बीच साल 2014-15 में द्विपक्षीय व्यापार 15. 67 अरब डॉलर का था। यह कच्चे तेल के लिए भारत के अहम स्रोत देशों में एक है।
मोदी ने कल यहां पहुंचने पर कहा कि भारत कतर के साथ संबंधों को काफी वरीयता देता है और उनकी यात्रा संबंधों को आगे बढ़ाने को लेकर है। प्रधानमंत्री खाड़ी क्षेत्र के साथ संबंधों को बेहतर करने पर जोर दे रहे हैं जो भारत की उर्जा सुरक्षा के लिए अहम है।