गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था करार देते हुए आज कहा कि गत वित्तीय वर्ष में चीन और अमेरिका से ज्यादा हिन्दुस्तान में निवेश हुआ है और वह दिन दूर नहीं जब यह मुल्क एक आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा। गृह मंत्री ने यहां चारबाग रेलवे स्टेशन परिसर में वाई-फाई सुविधा तथा एकीकृत सुरक्षा प्रणाली के उद्घाटन अवसर पर कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से पहले हमारे देश की अर्थव्यवस्था को लेकर नकारात्मक धारणा बनी थी।
पूर्व में कच्छप गति से चलने वाली अर्थव्यवस्था वाजपेयी के शासन में 8.4 प्रतिशत विकास दर के रूप में सामने आयी।उन्होंने कहा कि बीच के 10 साल (कांग्रेसनीत संप्रग के शासनकाल) में सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट आयी लेकिन पिछले दो साल में विकास दर छह प्रतिशत के नीचे से बढ़कर 7.6 फीसद हो गयी है। ‘कहना गलत ना होगा कि अगर अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था भारत की ही है।
सिंह ने कहा ‘वित्तीय वर्ष 2015-16 में भारत में चीन और अमेरिका से ज्यादा 51 अरब डालर का निवेश भारत में हुआ है। वह दिन दूर नहीं जब भारत एक आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा।’रेलवे को देश का ‘बेस्ट परफॉर्मिग सेक्टर’ करार देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि मंत्रालय के करिश्माई काम की बदौलत रेलवे में हाल में कई लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है जितना शायद पहले कभी नहीं हुआ था। आने वाले वक्त में यहां के रेल यात्रियों को विकसित देशों से बेहतर रेल सुविधाएं मिलने लगेंगी।
उन्होंने कहा कि वाई-फाई की सुविधा से यात्री अपने छोटे-मोटे अनेक काम आसानी ट्रेन अथवा रेलवे स्टेशन पर बैठकर कर सकेंगे।रेल राज्यमंत्री सिन्हा ने इस मौके पर कहा कि आम आदमी का साधन होने के कारण लोगों को रेलवे से बहुत अपेक्षाएं भी हैं। यह सच है कि यात्रियों की बढ़ी संख्या और यातायात में वृद्धि के अनुरूप नेटवर्क नहीं बन सका। इस मुश्किल को दूर करने के लिये केन्द्र सरकार ने विशेष रूप से ध्यान देते हुए काम शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में रेलवे में सालाना औसतन 48 हजार करोड़ रुपये का निवेश होता था, मगर पिछले साल यह निवेश एक लाख करोड़ रुपये था, जो आने वाले वर्ष में एक लाख 21 हजार करोड़ रुपये पहुंच जाएगा। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2020 तक आठ लाख 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त करना है। सिन्हा ने कहा कि इस साल रेल बजट में उत्तर प्रदेश के लिए 27 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं।