संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद को लेकर जमकर लताड़ा

कोरोना संकट के बीच आतंकवाद को बढ़ावा देने को लेकर भारत ने पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई. संयुक्त राष्ट्र की एक वर्चुअल बैठक में भारत ने पड़ोसी पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर करते हुए कहा कि पाक को आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि उसे आतंकवाद के अंतर्राष्ट्रीय उपकेंद्र और आतंकवादियों की सबसे सुरक्षित पनाहगाह क्यों कहा जाता है.

वर्चुअल काउंटर-टेररिज्म वीक में बोलते हुए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख महावीर सिंघवी ने कहा ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया महामारी से निपटने के लिए साथ आ रही है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करता है. वह आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हर अवसर का लाभ उठाना चाहता है.

पाकिस्तान भारत के खिलाफ निराधार और  दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाता है और हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है.भारत ने यह बयान वैश्विक आतंकवाद की चुनौती: कोरोना काल में हिंसात्मक अतिवाद, हेट स्पीच के बढ़ते जोखिम के आंकलन विषय के दौरान दिया.

भारत ने अंतरराष्टीय समुदाय से कहा है कि वो पाकिस्तान को अपने यहां से संचालित होने वाली आतंकी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए कहें. इस मौके पर भारत ने काबुल में भारतीय मिशन पर हुए आतंकवादी हमले, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले, 2016 के पठानकोट हमले, उरी और पुलवामा में पाकिस्तानी भूमिका को रेखांकित किया.

साथ ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा 9/11 के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को शहीद करार देने पर भी भारत ने पाक की खिंचाई की. सिंघवी ने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का यह बयान साबित करता है कि पाकिस्तान में आतंकवादियों को किस नजर से देखा जाता है और यह इस बात का सबूत है कि वहां अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादियों को संरक्षण प्राप्त होता है.

पाकिस्तान के पीएम सार्वजनिक रूप से अपने देश में 40,000 तक आतंकवादियों की मौजूदगी की बात स्वीकार चुके हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंधों की निगरानी टीम की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि लश्कर और जैश से जुड़े  लगभग 6,500 पाकिस्तानी आतंकवादी अफगानिस्तान में सक्रिय हैं.

भारत ने वर्चुअल बैठक में कश्मीर के मुद्दे पर भी पाकिस्तान को घेरा. सिंघवी ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को लेकर गलत और मनगढंत बयानबाजी कर रहा है. वह भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवादियों को बढ़ावा देने के लिए उन्हें आर्थिक सहित हर तरह की मदद पहुंचाता है. वह आतंकवादियों को स्वतंत्रता सेनानी मानता है.

इतना ही नहीं पाकिस्तान भारत के घरेलू कानून और नीतियों के बारे में गलत जानकारी भी देता है.इसके अलावा, भारत ने बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन और धार्मिक एवं सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव को भी रेखांकित किया.

भारतीय अधिकारी ने कहा भारत में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग उच्च पदों पर आसीन हैं और वहां उन्हें पूरा सम्मान मिलता है. इसके उलट पाकिस्तान में उनके साथ अत्याचार किया जाता है. एक धर्मशासित देश होने के नाते पाकिस्तान के लिए भारतीय की धर्मनिरपेक्षता को समझना मुश्किल है’.

सिंघवी ने आगे कहा कि पाकिस्तान को दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए और अपनी खामियों को दुरुस्त करने पर ध्यान देना चाहिए. लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई भारत सरकार और उसके नेताओं के खिलाफ जहर उगलने से कुछ होने वाला नहीं है.

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