ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाये गए कोरोना के टिके से भारत को खासी उम्मीदें हैं

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किये जा रहे कोविड-19 के टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के अंतरिम परिणाम प्रस्तुत किये गए जिसमें यह संक्रमण की रोकथाम में 90 फीसद तक प्रभावी पाया गया है।ऑक्सफोर्ड की इस टीके से भारत को खासी उम्मीदें हैं क्योंकि इसके लिए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्राजेनेका से डील की है।

इंस्टीटय़ूट इसकी 100 करोड़ डोज तैयार करेगा। भारत सरकार सीरम इंस्टिट्यूट के संपर्क में है और वैक्सीन खरीदने को लेकर बातचीत जारी है।एस्ट्राजेनेका कंपनी की मदद से टीके का विकास किया जा रहा है। दो बार की खुराक के सामूहिक आंकड़ों को देखें तो टीके का प्रभाव 70.4 प्रतिशत देखा गया।

वहीं दो अलग-अलग खुराकों में इसका प्रभाव एक बार 90 प्रतिशत और दूसरी बार 62 प्रतिशत रहा। शुरुआती संकेतों से लगता है कि यह टीका बिना लक्षण वाले संक्रमण के मामलों में वायरस के प्रसार को कम कर सकता है।

ऑक्सफोर्ड टीका समूह के निदेशक व परीक्षण के मुख्य अध्ययनकर्ता प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा ये निष्कर्ष दिखाते हैं कि हमारे पास एक प्रभावी टीका है जो कई लोगों की जान बचाएगा। उत्साह की बात है कि टीके की एक खुराक 90 प्रतिशत तक प्रभावी हो सकती है।

भारत सरकार सीरम इंस्टिट्यूट से टीका खरीदने को लेकर बातचीत जारी है। सूत्रों के मुताबिक, यह टीका करीब 500-600 रु पए में मिलेगा। लेकिन सरकार के लिए इसकी कीमत आधी हो जाएगी।

यह न सिर्फ  ऑक्सफोर्ड यूनिर्वसटिी जैसी प्रतिष्ठित रिसर्च संस्था ने बनाया है, बल्कि यह 90% तक असरदार भी है।इसको आसानी से घरेलू फ्रीज में भी स्टोर किया जा सकता है और दाम भी बाकी वैक्सीन से कम हैं। ऐसे में हर लिहाज से यह वैक्सीन भारत के लिए सबसे अच्छी मालूम होती है।

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