सीमा पर भारत को आंखे दिखा रहे चीन को एक ओर बड़ा झटका लगने जा रहा है. गुरुवार को देश का महाबली फाइटर जेट राफेल औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाएगा. इस मौके पर अंबाला में होने वाली सेरेमनी में शामिल होने के लिए फ्रांस की रक्षा मंत्री पार्ली अपने 80 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आ रही हैं.
इन दोनों कदमों को चीन और पाकिस्तान के लिए एक बड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है. जानाकारी के मुताबिक गुरुवार को फ्रांस से मिले 5 राफेल लड़ाकू विमानों को औपचारिक तौर पर भारतीय वायु सेना में इंडक्शन किया जाएगा.
अंबाला एयरबेस पर होने वाली इंडक्शन सेरेमनी भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल बिपिन रावत, एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया समेत मिलिट्री के आला अफसर मौजूद रहेंगे. इन विमानों को इंडक्शन के बाद अंबाला एयरबेस पर ही तैनात किया जाएगा.
राफेल की इंडक्शन सेरेमनी में शामिल होने के लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली भी 80 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आ रही है. वे भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से दोनों देशों के रक्षा और सुरक्षा सहयोग को गहरा करने के मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगी.
फ्रांस में बने आधुनिक क्षमता वाले राफेल विमानों का भारतीय वायु सेना में शामिल होना और इंडक्शन सेरेमनी के लिए फ्रांसीसी रक्षा मंत्री का भारत आना, इसे चीन-पाकिस्तान जैसे भारत के दुश्मनों के लिए बड़ा संदेश माना जा रहा है.
इसके जरिए दोनों देशों को स्पष्ट रूप से मेसेज दिया जा रहा है कि अब उनकी विस्तारवादी- आतंकी नीतियों को दुनिया बर्दाश्त नहीं करेगी और फ्रांस भी इस लड़ाई में भारत के साथ खड़ा होगा. बता दें कि भारत को फ्रांस से कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान मिलने हैं.
जिनमें 5 भारत आ चुके हैं. जबकि 5 विमान नवंबर में भारत को मिल जाएंगे. बाकी बचे 26 विमान 2021 के अंत तक भारत को मिलने की उम्मीद है. इनमें से 18 विमानों की एक स्कवाड्रन अंबाला और दूसरी स्कवाड्रन पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर तैनात होगी.
अंबाला एयरबेस भारत की सबसे अहम रणनीतिक लोकेशन पर बना एयरबेस है. यहां से पाकिस्तान की दूरी करीब 300 किमी और चीन की करीब 450 किमी है. ऐसे में एक बार में 3700 किमी तक उड़ान क्षमता रखने वाला राफेल तैनाती के बाद आसानी से भारत के इन दोनों दुश्मनों पर नकेल कस सकेगा.