बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पूर्व पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु को गंगा जल-साझाकरण संधि पर हस्ताक्षर करने से पहले तोहफे के रूप में हिल्सा मछली भेजी थी। अब 21 साल बाद, वह तीस्ता जल समझौते की उम्मीद से दिल्ली आई हैं, लेकिन इस बार हिल्सा नदारद है। शेख हसीना शुक्रवार को चार दिन की भारत यात्रा पर आई हैं।
शनिवार को राष्ट्रपति भवन में उनके लिए शानदार भोज का प्रबंध किया गया है। हालांकि इसमें हिल्सा मछली नहीं होगी, जिसके पीछे भी एक वजह है। दरअसल बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल दोनों देशों ने ही हिल्सा को बेचने और खरीदने से रोकने के लिए कानूनी प्रावधान बनाया है।शेख हसीना की फ्लाइट दिल्ली लैंड करने के घंटों पहले से ही 32 प्रमुख शेफ राष्ट्रपति भवन के फैमिली किचन में खाने की तैयारी में जुट गए थे।
इस फैमिली किचन में सिर्फ राष्ट्रपति या उनके खास लोगों के लिए ही खाना पकाया जाता है। सूत्रों ने बताया कि शेख हसीना के लिए भेट्की पातुरी (केले के पत्तों में लिपटी उबली हुई भेट्की मछली), चिंगरी मचेर मालाइकरी (नारियल के साथ झींगा करी) और चीतल मैकर मुतिथ्या (ग्रेवी के साथ मछली पकोड़ा) बनाया जा रहा है।
शेख हसीना अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विभिन्न विषयों पर बातचीत करेंगी। शेख हसीना के भारत दौरे को विशेष महत्व देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी अगवानी के लिए हवाईअड्डे पहुंचे थे। पीएम मोदी ने इसके लिए प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन किया था। 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद हसीना की यह पहली भारत यात्रा है।
उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों पक्ष असैन्य परमाणु सहयोग और रक्षा सहित विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में कम से कम 25 समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों पक्ष असैन्य परमाणु सहयोग और रक्षा सहित विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में कम से कम 25 समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। हसीना राष्ट्रपति भवन में रूकी हुई हैं। मोदी और हसीना शनिवार को व्यापक विचार विमर्श करेंगे।