सुब्रत राय सहारा की किताब लाइफ मंत्रास का विमोचन हुआ

Subrata-Roy-Sahara

सहारा इंडिया परिवार के 39वें स्थापना दिवस पर मुख्य अभिभावक सहाराश्री सुब्रत राय सहारा द्वारा लिखी किताब ‘लाइफ मंत्रास’ का 5000 से भी ज़्यादा स्थानों पर एकसाथ विमोचन किया गया.नोएडा के सहारा इंडिया काम्प्लेक्स में किताब ‘लाइफ मंत्रास’ का विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात कवि गोपाल दास नीरज ने किया.

पूर्व क्रिकेटर कपिलदेव कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे. इस मौके पर कपिलदेव ने कहा कि सहारा इंडिया परिवार आज अपना 39वां स्थापना दिवस मना रहा है ऐसे ही 39 साल पहले मैंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी हमारी राहें अलग थीं लेकिन मंजिल एक थी कि देश के लिए बहुत कुछ करना है.

इस मौके पर ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के मनिंदरजीत सिंह बिट्टा और राजबब्बर भी मौजूद रहे. मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा कि सहारा इंडिया परिवार ने जो शहीदों के परिवार वालों के लिए किया है वो किसी दूसरे ग्रुप ने नहीं किया है, सरकार से पहले सहारा इंडिया परिवार ने कारगिल के शहीदों के परिवार वालों के लिए बहुत कुछ किया.

राजबब्बर ने कहा कि चौबीस घंटे में अड़तालीस घंटे काम करने वाला केवल एक व्यक्ति उन्हें मिला वो है सहाराश्री. मुंबई में परमवीर चक्र विजेता भाना सिंह, प्रसिद्ध फिल्म निर्माता निर्देशक रमेश सिप्पी, गीतकार समीर और अभिनेता संजय खान मौजूद रहे.

लाइफ़ मंत्रास– सहाराश्री द्वारा लिखा एक गहन शोध प्रबंधन है, जिसमें उनके जीवन भर के अनुभवों, अवलोकनों तथा आम लोगों की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं पर उनके नजरिये का प्रस्तुतीकरण हुआ है.इस पुस्तक का लोकार्पण देश-विदेश में फैले सहारा इंडिया परिवार के 5000 कॉर्पोरेट संस्थापनों में एक साथ विशेष आयोजन स्थलों पर भव्य तरीके से किया गया.‘लाइफ़ मंत्रास’ उनकी ‘चिन्तन तिहाड़ से’ पुस्तकत्रयी श्रृंखला की तीन पुस्तकों में से पहली पुस्तक है और देश-विदेश के सभी प्रमुख पुस्तक केंद्रों, सभी प्रमुख ऑनलाइन पोर्टल्स पर तथा ई-बुक के रूप में भी उपलब्ध है.

इसी श्रृंखला में आगे आने वाली पुस्तकें हैं, थिंक विद मी – हाउ टू मेक अवर कंट्री आइडियल’ तथा रिफ्लेक्शन फ्रॉम तिहाड़ – ए बुक ऑन तिहाड़ जेल’. इन दोनों पुस्तकों का लोकार्पण भी शीघ्र किया जाएगा.‘लाइफ़ मंत्रास’ पुस्तक में श्री सुब्रत रॉय सहारा ने सभी मनुष्यों में निहित मूल प्रवृत्तियों से जुड़े मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक पहलुओं का इतने सुंदर और विस्तृत ढंग से वर्णन किया है कि सर्वशक्तिमान द्वारा मनुष्य को प्रदत्त जीवन के नैसर्गिक सौंदर्य के इस दिव्य रहस्य से हम भलीभांति अवगत हो सकें.

वह अपने प्राक्कथन में लिखते हैं- इस पुस्तक को पढ़ लेने के बाद आप निश्चित रूप से पूरे विश्वास के साथ महसूस करेंगे कि जीवन में शांति, सच्चा सुख, प्रसन्नता, आत्मसंतोष और संतुष्टि पाने तथा भौतिक उपलब्धियों, सम्मान और प्यार के मामले में निरंतर प्रगतिशील बने रहने के लिए भी आपको इस दुनिया में किसी अन्य पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. यह केवल आप पर निर्भर करता है. सब आपके अपने हाथ में है.’

श्री सुब्रत रॉय सहारा यह भी बताते हैं कि जीवन को सही मायने में सुंदर बनाने के लिए हमें उन मूलभूत सच्चाइयों और मूल प्रवृत्तियों को समझने की जरूरत है, जिन्हें लेकर हम पैदा हुए हैं और जो हम सबके अंदर स्वाभाविक रूप से निहित हैं.इसका बेहतर परिणाम पाने के लिए हर एक को जीवन के मनोवैज्ञानिक या भावनात्मक पहलुओं, दूसरे शब्दों में, जीवन की सच्चाइयों अथवा जीवन के दर्शन को समझना होगा. बक़लम सहाराश्री ‘जैसे-जैसे आप इन ‘लाइफ़ मंत्रास’ की प्रभावशाली ऊर्जा में डूबते जाएंगे, आपके अपने अंदर धीरे-धीरे एक बदलाव, एक संतोष-भावना और आत्म प्रेरणा का अनुभव होता दिखाई देगा.

 

सहारा इंडिया परिवार के 12 लाख से भी अधिक सहकर्मियों के गौरवान्वित अभिभावक होने के साथ-साथ श्री सुब्रत रॉय सहारा एक महान चिंतक, एक शिक्षक और एक मार्गदर्शक भी हैं.जीवन पर उनके अनोखे और गैर-परंपरागत सूक्ष्म और प्रभावकारी दर्शन ने वैश्विक ख्याति प्राप्त की है और लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. अनेक विश्वप्रसिद्ध संस्थानों जैसे हारवर्ड स्कूल आफ बिज़नेस, यूएसए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय उन्हें अपने शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित कर चुके हैं.

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