समग्र द्विपक्षीय वार्ता के तहत पाकिस्तान के साथ बातचीत होने से क्षेत्र में शांति और विकास का नया अध्याय शुरू होगा क्योंकि दोनों देशों के बीच लगातार दूरी क्षेत्र की शांति और प्रगति के लिए अड़चन हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी पाकिस्तान यात्रा और भारत-पाक संबंधों के नवीनतम घटनाक्रम पर आज राज्यसभा में अपनी ओर से एक बयान दिया। सुषमा ने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच पेरिस पर्यावरण सम्मेलन के दौरान यह चर्चा हुयी थी कि दोनों देशों के बीच दोबारा किस तरह बातचीत का माहौल बनाया जा सकता है।
सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान के साथ एक नए शीषर्क ‘समग्र द्विपक्षीय वार्ता’ के तहत बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के विदेश सचिवों को इस नयी वार्ता की रूपरेखा और सारणी तय करने का काम सौंपा गया है।उन्होंने कहा, ‘ इसके पीछे यह भावना थी कि हम दोनों पडोसी देशों के बीच लगातार दूरी हमारे क्षेत्र में शांति स्थापित करने तथा इसे एक प्रगतिशील क्षेत्र के रूप में विकसित करने के हमारे साझा सपने के मार्ग में अड़चन है।’ सुषमा ने कहा, ‘साथ ही यह भी बिल्कुल स्पष्ट था कि हमारे बीच संबंधों को विकसित करने के मार्ग में मुख्य बाधाओं, विशेषकर आतंकवाद से, प्रत्यक्ष एवं स्पष्ट रूप से निपटने की आवश्यकता है। मेरा पूर्ण विश्वास है कि यह सदन भी इस भावना से पूरी तरह सहमत होगा।’ उन्होंने सदन में हंगामे के बीच अपना बयान पढ़ा। उस समय कई विपक्षी दल के सदस्य विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी कर रहे थे।
सुषमा ने कहा कि 30 नवंबर को मोदी-शरीफ बैठक के परिणामस्वरूप छह दिसंबर को बैंकाक में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच बातचीत हुयी। दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच बातचीत स्पष्ट, सौहाद्र्रपूर्ण और रचनात्मक माहौल में हुयी। यह चर्चा सुरक्षा, आतंकवाद, नियंत्रण रेखा पर अमन-चैन और जम्मू कश्मीर पर केंद्रित थी। जम्मू कश्मीर राज्य आतंकवाद और नियंत्रण रेखा के उल्लंघन से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। उन्होंने कहा कि शरीफ तथा उनके पाकिस्तानी समकक्ष सरताज अजीज के साथ उनकी बैठकें इसी सकारात्मक प्रगति की पृष्ठभूमि में आयोजित की गयीं। दोनों पक्षों ने आतंकवाद की भर्त्सना की और इसे खत्म करने के लिए आपसी सहयोग करने का संकल्प लिया।
सुषमा ने कहा, ‘ साथ ही हमने मुंबई आतंकी हमले से संबंधित न्यायिक कार्रवाई में पाकिस्तान द्वारा तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया। पाकिस्तान द्वारा भारतीय पक्ष को इसे शीघ्र अंजाम तक पहुंचाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में आश्वस्त किया गया।’ उन्होंने कहा कि इसी के अनुसार पाकिस्तान के साथ एक नए हेडिंग ‘समग्र द्विपक्षीय वार्ता’ के अंतर्गत बातचीत शुरू करने का फैसला किया गया।