राहुल गांधी ने सूरत में कहा अगर आप हमसे जीएसटी और इसके स्ट्रक्चर में बदलाव के लिए कहेंगे तो मैं भरोसा दिलाता हूं कि जब भी हमारी पार्टी सत्ता में आएगी इसे बदल देंगे। हम ऐसा जीएसटी सिस्टम लेकर आएंगे, जो आप लोगों के लिए फायदेमंद होगा। इसके पहले राहुल ने वापी की रैली में राहुल ने कहा कि सरकार ने नैनो को 33 हजार करोड़ दिए, लेकिन बीते 10-15 दिनों में मुझे एक भी कार नहीं दिखी।
मैंने नैनो को ढूंढा, लेकिन वो मुझे मिली नहीं। इसके बाद उन्होंने वलसाड़ में रोड शो किया।कहा जा रहा था कि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के कन्वीनर हार्दिक पटेल शुक्रवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की तरफ से ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है।
हार्दिक पटेल को राजद्रोह से जुड़े मुकदमे के सिलसिले में शुक्रवार को ही कोर्ट में पेश होना है। ऐसे में, वराछा में होने वाली सभा में उनके राहुल गांधी से मुलाकात के आसार कम हैं।बता दें कि हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को पाटीदार आरक्षण के बारे में उनकी राय जानने के लिए 7 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है।
राहुल गांधी ने दक्षिण गुजरात में पूरी ताकत लगा दी है। इसकी वजह यह है कि दक्षिणी गुजरात 90 के दशक तक कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन पिछले डेढ़ दशक से इस इलाके में बीजेपी मजबूत हुई है। यहां तक कि सूरत शहर की सभी सीटें बीजेपी के पास हैं।दक्षिण गुजरात में सूरत, नवसारी, भरूच, वलसाड, नर्मदा, तापी और डांग जिले हैं। कुल 35 सीटें हैं। 28 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है।
कांग्रेस के पास सिर्फ 6 सीटें हैं। एक सीट अन्य के पास है। यहां के ज्यादातर वोटर आदिवासी हैं। कई सीटों पर पटेल और कोली जाति का दबदबा है।26 से 28 सितंबर तक गुजरात दौरे पर थे। इस दौरान वे सौराष्ट्र के 5 जिलों में गए थे। इसके बाद 9 से 11 अक्टूबर तक उन्होंने मध्य गुजरात के 6 जिलों का दौरा किया।
इसके कांग्रेस बाद राहुल गांधी 23 अक्टूबर को एक महीने में तीसरी बार गुजरात दौरे पर पहुंचे थे।ये चौथा मौका है जब राहुल गुजरात में हैं। 1 नवंबर को राहुल गांधी सूरत जिले के मढ़ी गांव पहुंचे थे। वहां इंतजार कर रहे लोगों में राहुल गांधी को लेकर खासा जोश देखा गया। राहुल सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए युवाओं के बीच चले गए और उनके साथ सेल्फी भी खिंचवाई।
गुजरात में 30% ओबीसी वोटर हैं। वहीं, क्षत्रिय-हरिजन-आदिवासी वोटरों की तादाद 21% है। ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर का एकता मंच इन सभी कम्युनिटी को रिप्रेजेंट करता है। वे कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। यानी ठाकोर के बहाने कांग्रेस की नजर गुजरात के कुल 51% वोटरों पर है।कांग्रेस पाटीदार नेताओं को अपनी तरफ लाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस की अगर पाटीदारों से नजदीकी बढ़ती है तो वह 20% वोट बैंक में सेंध लगा सकती है।