कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर चिंतन शिविर को लेकर अहम बैठक बुलाई गई। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल चिंतन शिविर की तैयारियों का जायजा लेने उदयपुर जायेंगे। 10 जनपथ पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई इस बैठक में रणदीप सुरजेवाला, के सी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, अंबिका सोनी मौजूद रहे।
जिसमें निर्णय लिया गया कि केसी वेणुगोपाल चिंतन शिविर की तैयारियों का जायजा लेने बुधवार सुबह उदयपुर जायेंगे।गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपने चिंतन शिविर में कृषि, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक सशक्तिकरण, संगठनात्मक, युवा सशक्तिकरण के मुद्दे पर चर्चा के लिए विस्तृत रिपोर्ट बनाने को लेकर कई समितियां बनाई हैं।
इन तमाम मुद्दों पर राजनीतिक प्रस्ताव लाने के लिए विशेष रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी इन कमेटियों को दी गई है। इसके साथ ही कांग्रेस ने भविष्य की राजनीतिक चुनौतियों से निपटने और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सोमवार को एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप (अधिकार प्राप्त कार्य समूह)-2024 का भी गठन किया है।
हालांकि मंगलवार शाम हुई बैठक से पहले चिंतन शिविर को लेकर हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की अध्यक्षता में सोमवार को भी एक बैठक बुलाई गई थी। जिसमें कृषि संबंधी विषय पर चर्च की गई थी। भूपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट कर कहा आगामी 13-15 मई को होने वाले नव-संकल्प चिंतन शिविर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा किसान एवं कृषि के उत्थान हेतु गठित समिति की पहली बैठक कांग्रेस वॉर रूम दिल्ली में ली।
कांग्रेस 9 साल बाद राजस्थान के उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन करने जा रही है, जो 13,14 और 15 मई को होगा। चिंतन शिविर में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित पार्टी के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे। इस चिंतन शिविर में कांग्रेस के सभी सांसदों और विधायकों को बुलाया गया है।
साथ ही पार्टी के पदाधिकारियों और सभी राज्यों से 400 सक्रिय कार्यकर्ताओं को भी आमंत्रण भेजा गया है।शिविर में मिशन 2024 के तहत कांग्रेस के एक्शन प्लान के बारे में सभी को जानकारी दी जाएगी। अब तक कांग्रेस पार्टी से चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर इस पर चर्चा कर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
ऐसे में पावर एक्शन प्लान को कांग्रेस सदस्य इस प्रस्ताव को तैयार करेंगे। वहीं पांच राज्यों की हार के बाद तीन दिन तक चलने वाले इस शिविर में नेताओं व कार्यकर्ताओं से हार के कारण जानने की कोशिश की जाएगी। साथ ही, कांग्रेस गुजरात, हिमाचल प्रदेश के साथ ही अगले वर्ष होने वाले कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाएगी।