मथुरा जिले में एक अदालत ने अपने आशिक और उसके मित्र के सहयोग से पति की हत्या करने वाली पत्नी को उसी के अबोध बेटे की गवाही तथा परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.अभियोजन पक्ष के सहायक शासकीय अधिवक्ता के अनुसार मामला करीब ढाई वर्ष पूर्व थाना हाईवे थाना क्षेत्र का है.
जहां महेंद्र नगर कालोनी निवासी वीरू का शव 25 अगस्त, 2014 की सुबह जुनसुटी गांव की नहर में पड़ा मिला. वह दो दिन से गायब था.अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेकानन्द शरण त्रिपाठी के न्यायालय में वीरू के पुत्र आकाश ने जज को गवाही में यह भी बताया कि 23 अगस्त को वो लोग उसके पापा को बाइक पर बीच में बिठाकर ले गए थे और जब लौटे थे तो उसके पापा उनके साथ नहीं थे.
इस पर न्यायालय ने दोनों पक्षों द्वारा पेश किए गए गवाहों तथा साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाते हुए सरस्वती, उसके प्रेमी करन और सहयोगी भीमा को हत्या तथा षडयंत्र के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई.