कयास लगाए जा रहे हैं है कि बिहार से भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव अगले उपराष्ट्रपति होंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनडीए अपना उम्मीदवार हुकुमदेव नारायण यादव को बनाने जा रहा है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में उनके नाम पर आम राय बन गई है. वर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कार्यकाल जुलाई में खत्म होगा.
राम मनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों पर चलने वाले हुकुमदेव के भाषणों की तारीफ पीएम मोदी भी करते हैं. जिस तरह वह राहुल गांधी पर बिहारी अंदाज में हमले करते हैं, मोदी को वह पसंद हैं. जब भी हुकुमदेव यादव लोकसभा में अपनी बात रखते हैं, पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठता है. खासतौर पर एफडीआई को लेकर जब संसद में बहस हो रही थी, तब हुकुमदेव के भाषण को सोशल मीडिया ने हाथों-हाथ लिया था.
GST पर बहस के दौरान भी राहुल गांधी के भाषण के तुरंत बाद बोलते हुए यादव ने महफिल लूट ली थी. अपने अनूठी शैली और धारदार तर्कों की वजह से हुकुमदेव की लोकप्रियता हाल के दिनों में तेजी से बढ़ी है. यादव ओबीसी समुदाय से आते हैं और उन्हें उपराष्ट्रपति बनाकर भाजपा ओबीसी मतदाताओं को एक संदेश देने की कोशिश करेगी. वहीं यादवों के बीच भी इससे भाजपा एक सकारामत्क संदेश देने की कोशिश करेगी.
हुकुमदेव नारायण यादव बिहार के मधुबनी से सांसद हैं. वह पांचवीं बार लगातार लोकसभा पहुंचे हैं. यादव का नाम एनडीए उम्मीदवार के तौर पर लगभग तय है. यादव ने बिहार की राजनीति में ग्राम प्रधान के चुनाव से शुरू कर बड़े मुकाम हासिल किया है. यादव अपने राजनीतिक करियर में लंबे वक्त तक समाजवादी रहे हैं.
समाजवादी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से शुरुआत कर वह सोशलिस्ट पार्टी और फिर भारतीय लोक दल में रहे. इसके बाद वह जनता पार्टी में शामिल हो गए. 1960 में यादव पहली बार ग्राम प्रधान चुने गए जबकि 1967 में पहली बार विधायक बने. 1977 में वो पहली बार सांसद चुने गए. हुकुमदेव नारायण यादव 1993 में भाजपा में शामिल हुए. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी यादव केंद्र में मंत्री रह चुके हैं.