कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का केरल में दूसरा दिन है और दूसरे दिन भी यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखा गया।पार्टी नेता राहुल गांधी ने सुबह वेल्लायानी जंक्शन से पदयात्रा शुरू की,जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए साथ ही इस यात्रा का साक्षी बनने के लिए सड़कों के किनारे भी लोगों की भीड़ एकत्र हुई।
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का केरल में 19 दिन का सफर राजधानी तिरुवनंतपुरम के पारस्साला इलाके से सुबह शुरू हुआ और इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मलप्पुरम के नीलांबर तक 450 किलोमीटर लंबी यात्रा करेंगे। कल भी और आज भी गांधी के साथ पदयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और गांधी की अगुवाई में शुरू हुई इस यात्रा को देखने के लिए सड़क के दोनों ओर एकत्र हुए।
रविवार को नेमोम में पहले दिन की यात्रा समाप्त होने पर गांधी ने कहा कि केरल सभी का सम्मान करता है और खुद को कभी विभाजित नहीं होने देता और न ही नफरत फैलने देता है। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा एक प्रकार से इन्ही विचारों का विस्तार है।उन्होंने कहा था एकजुट रहना तथा सौहार्द के साथ मिल कर काम करना केरल के लोगों के लिए स्वाभाविक और सामान्य बात है और उन्होंने देश को यह दिखाया है।
गांधी ने कहा केरल यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का स्वागत करता है। यह न तो खुद को विभाजित होने देता है और न ही राज्य में नफरत फैलने की इजाजत देता है। तो एक प्रकार से भारत जोड़ो यात्रा केरल के इस विचार का विस्तार मात्र है।केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद के. सुधाकरन, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव तारिक अनवर तथा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी का औपचारिक रूप से स्वागत किया, जिसके बाद केरल में यह यात्रा शुरू हुई।
राहुल गांधी का स्वागत करने वाले पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं में कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल और शशि थरूर के साथ ही केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी तथा रमेश चेन्नीथला भी शामिल थे।गौरतलब है कि गांधी वायनाड से सांसद हैं और इसके अलावा राज्य में पार्टी का आधार काफी मजबूत है।
पार्टी की ओर से साझा किए गए यात्रा कार्यक्रम के अनुसार यह यात्रा पूर्वाह्न करीब 11 बजे पट्टोम में रुकेगी फिर शाम पांच बजे कझाकुट्टोम के लिए रवाना होगी और वहां पहुंच कर दूसरे दिन की यात्रा समाप्त हो जाएगी।यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरेगी और 150 दिनों की अवधि में कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3,570 किमी की दूरी तय करेगी।देश के 22 शहरों में रैलियां होंगी।