पंचकुला में 14 औद्योगिक प्लॉटों के आवंटन में कथित अनियमितता मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली और चंडीगढ़ सहित 16 ठिकानों पर छापे मारे गये.वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, उनके परिजन एवं पारिवारिक मित्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.हरियाणा सरकार की सिफारिश और तत्पश्चात केंद्र सरकार की अधिसूचना के उपरांत मामले की जांच का जिम्मा संभाल रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के 13 तत्कालीन अधिकारियों और इतने ही लाभान्वितों के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया है.
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जिन 13 लाभान्वितों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये गए हैं, उनमें श्री हुड्डा के दिवगंत भतीजे राजेन्द्र हुड्डा की पत्नी रेणु हुड्डा, तत्कालीन वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता नरेन्द्र हुड्डा की पत्नी नन्दिता हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री के निकटतम सहयोगी संजीव भारद्वाज के पुत्र सिद्धार्थ भारद्वाज, कांग्रेस के पूर्व विधायक रमेश गुप्ता के पुत्र अमन गुप्ता शामिल हैं.
जांच एजेंसी ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति ले. जनरल (सेवानिवृत्त) डी डी एस एस संधू के पुत्र कंवरप्रीत सिंह संधू तथा हुड्डा के तत्कालीन सचिव राम सिंह के पुत्र प्रदीप कुमार एवं तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) बी.आर. बेरी की पुत्रवधु मोना बेरी को भी मुकदमे में शामिल किया है.
सूत्रों के अनुसार हुडा के जिन 13 तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें 2012-13 के दौरान प्राधिकरण के तत्कालीन अध्यक्ष (श्री हुड्डा), तत्कालीन मुख्य प्रशासक डी. पी. एस. नागल और पूर्व नियंत्रक एस सी कंसल और तत्कालीन उपाधीक्षक बी. बी. तनेजा शामिल हैं. इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.