स्मृति ईरानी ने साधा राहुल पर निशाना

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मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस तथा उसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए आज कहा कि कुछ लोग उनके अमेठी दौरे से विचलित होकर कानूनी कार्रवाई की धमकी दे रहे हैं लेकिन वह हमेशा अमेठी की आवाज उठाएंगी और अगर राहुल और उनकी पार्टी में दम है तो उन्हें सलाखों के पीछे भिजवाकर दिखाएं।स्मृति ने अमेठी के गुंगवाज गांव स्थित शिवदुलारी महिला महाविद्यालय परिसर में आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में कहा, कुछ लोग हमारे अमेठी दौरे से विचलित हो जाते हैं। कल शाम को हमारे दिल्ली स्थित आवास पर एक वकील साहब आये थे। उस समय मैं एक बैठक में व्यस्त थी। वह एक नोटिस दे गये हैं कि अगर आप अमेठी जाकर राहुल गांधी या नेहरू-गांधी परिवार के खिलाफ कोई टिप्पणी करेंगी तो मैं आपके विरद्ध कानूनी कार्यवाही करूंगा।

पिछले लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल को कड़ी टक्कर देने वाली स्मृति ने कहा, अगर कांग्रेस या राहुल गांधी ने इस देश की नारी को अबला समझ रखा हो, तो भूल जाएं। मैं इससे डरने वाली नहीं हूं। अब अमेठी में दूध का दूध और पानी का पानी होगा। मैं अमेठी की आवाज को उठाउंगी। अगर राहुल और कांग्रेस में दम है तो मुझे सलाखों के पीछे भेजवाकर दिखाएं। नेहरू-गांधी परिवार के गढ़ में अपनी पैठ बनाने की कोशिशों में जुटी केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अमेठी में गरीब से गरीब परिवार हैं, उनके स्वास्थ्य के विषय में चिंतन तो होता है लेकिन समाधान नहीं होता। अमेठी से जो मैंने रिश्ता बनाया है, उसे मैं हमेशा निभाती रहूंगी। कार्यक्रम स्थल पर क्षेत्रीय सांसद राहुल गांधी के विरोध वाले नारे लिखे बैनर भी लगाये गये थे, जिन्हें कुछ देर के बाद हटा लिया गया।

स्मृति ने रामकली, राजकली, निर्मला, इसराजी तथा मंजौका नामक महिलाओं को मंच पर बुलाकर आम के पौधे वितरित किये। केन्द्रीय मंत्री का भाषण खत्म होने के बाद पंडाल में बैठे करीब 150 शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों को लेकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। केन्द्रीय मंत्री ने उन्हें मंच से आश्वासन दिया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से शिक्षामित्रों के सम्बन्ध में ब्यौरा केन्द्र को उपलब्ध कराने को कहा है ब्यौरा मिलने के बाद केन्द्र सरकार उचित कदम उठाएगी।

उन्होंने कहा, जब तक राज्य सरकार रिपोर्ट नहीं भेजेगी तब तक हम कुछ भी करने में असमर्थ हैं। मैं इतना ही कह सकती हूं कि मैं हर हाल में शिक्षामित्रों के हितों का संरक्षण करने की कोशिश करूंगी। इस आश्वासन के बाद भी शिक्षामित्र संतुष्ट नहीं हुए और मंच से उतर रही स्मृति को घेर लिया। स्थिति यह बन गयी कि पुलिस बल को हस्तक्षेप करना पड़ा। भाजपा नेता अनंत विक्रम सिंह की यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं और शिक्षामित्रों की आपसी धक्का-मुक्की के बीच बड़ी मशक्कत से केन्द्रीय मंत्री को उनकी कार तक पहुंचाया गया। वह पौधरोपण किये बगैर ही वापस चली गयीं।

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक के तौर पर समायोजन पर हाल में रोक लगा दी थी। इसे लेकर प्रदेश में शिक्षामित्र आंदोलित हैं। इसके पूर्व, सभास्थल में प्रवेश करते वक्त स्मृति से राजीव गांधी सचल स्वास्थ्य सेवा के कर्मचारियों ने मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। यह सेवा पिछले एक साल से बंद है। ज्ञापन में इसके 49 कर्मचारियों की तरफ से कहा गया है कि उनके भूखे मरने की नौबत आ गयी है। उन्होंने राहुल और सोनिया को कोई पत्र लिखे गये लेकिन कुछ नहीं हुआ।

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