मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आज कहा कि कई लोग मानते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है, लेकिन जो लोग पदासीन हैं उनकी जिम्मेदारी है कि संदेश दें कि निश्चित समय सीमा के अंदर समाधान संभव है। जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों (डीआईईटी) के लिए शिक्षक शिक्षण पोर्टल ‘प्रशिक्षक’ की शुरूआत करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा का क्षेत्र चुनौतियों से भरा हुआ है जिसे कई लोग काफी उम्मीदों से देखते हैं।
उन्होंने कहा, ‘देश में जब शिक्षा पर चर्चा होती है तो उत्साह का माहौल नहीं दिखता। एक ही तरह के शब्द इसमें ‘कुछ भी ठीक नहीं है’ हर किसी की जुबान पर होता है।समारोह में मौजूद राज्य मंत्रियों और अधिकारियों की तरफ इंगित करते हुए ईरानी ने कहा, ‘निश्चित समय सीमा के अंदर समाधान संभव होने का संदेश भेजना उन पर और हम पर निर्भर है।’ ईरानी ने कहा कि शिक्षकों को शिक्षा के लिए 1987 से ही केंद्रीय अनुदान मुहैया कराया जा रहा है लेकिन उनकी गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए कोई राष्ट्रीय व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षण परिषद् (एनसीटीई) की रिपोर्ट में इस सिलसिले में व्यवस्था बनाने को कहा गया था और ‘प्रशिक्षक’ पोर्टल गुणवत्ता का पैमाना होगा।एचआरडी मंत्री ने कहा, ‘गुणवत्ता (शिक्षकों की) पूरे देश में चिंता का विषय हो गई है। लेकिन वह गुणवत्ता क्या है जिसकी उम्मीद की जाती है?
क्या इसे इस बात से परिभाषित किया जाएगा कि आपका पाठ्यक्रम कितने अच्छे तरीके से बना है? क्या इस बात से इसे परिभाषित किया जाएगा कि पिछली बार कब पाठ्यक्रम संशोधित किया गया था? वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए कब इसमें बदलाव लाया गया गया था? क्या गुणवत्ता इस बात से परिभाषित होगी कि कितने लोगों को नौकरी मिली? इस तरह की निगरानी व्यवस्था मौजूद नहीं थी जो अब ‘प्रशिक्षक’ के माध्यम से उपलब्ध होगी।