गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत और उसकी सहयोगी सुखदीप कौर को हरियाणा पुलिस बठिंडा लेकर पहुंची। यहां उसे पुलिस स्टेशन में रखा गया। बताया जा रहा है कि पुलिस उसे उन सभी जगहों पर ले जाएगी, जहां वह फरारी के दौरान रुकी थी। पुलिस के मुताबिक, सुखदीप का घर यहीं है और हनीप्रीत यहां 4 दिन रुकी थी। 39 दिन से फरार हनीप्रीत मंगलवार को सुखदीप कौर के साथ अरेस्ट की गई थी। बुधवार को पंचकूला कोर्ट ने उसे 6 दिन की रिमांड पर भेज दिया था।
इससे पहले, गुरुवार सुबह पुलिस हनीप्रीत और उसकी साथी सुखदीप को पंचकूला के सेक्टर-23 थाने से निकाल कर सेक्टर-20 ले गई। फिर उन्हें बस से बठिंडा ले जाया गया।पुलिस का मानना है कि फरारी के दौरान वह ज्यादातर पंजाब के मालवा इलाके में छिपी रही। बठिंडा में उसने ज्यादा वक्त बिताया। यहां सुखदीप कौर ने काफी मदद की।
पुलिस पूछताछ में ये भी पता चला है कि 4 दिन से सुखदीप ही हनीप्रीत की गाड़ी चला रही थी। चंडीगढ़ के आसपास के इलाके में तीन जगहों पर सुखदीप और हनीप्रीत साथ ही रुकी थीं।पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस दौरान हनीप्रीत ने करीब 17 सिम का इस्तेमाल किया। इसमें तीन इंटरनेशनल सिम थीं। इस दौरान उसने कई लोगों से बात की।
पंचकूला एसीपी मुकेश ने बताया कि अभी तक हनीप्रीत दंगा भड़काने की बात से इनकार करती आई है। इसलिए कोर्ट में अर्जी लगाकर लाइडिटेक्टर टेस्ट कराने की परमिशन ली जाएगी। यह टेस्ट हैदराबाद ले जाकर किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई में और रिमांड मांगने की कोशिश करेंगे।
पुलिस सूत्रों ने बताया था कि हनीप्रीत गिरफ्तारी से 3-4 दिन पहले मोहाली के आसपास ही थी। उसके पास तीन गाड़ियां थीं, जो उसके आगे-पीछे चलती थीं। तीन रात उसने चंडीगढ़ के आसपास ही खाना खाया, जिसे उसकी साथी सुखदीप कौर गाड़ी में लेकर आती थी।पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि हनीप्रीत पंजाब के एक नेता के टच में थी। उसके कहने पर ही वह यहां रुकी। दो दिन वह एक फ्लैट में रही।
बाद में उसे एक कोठी में ठहराया गया। एक पुलिस अफसर उसे गाइड कर रहा था। हरियाणा पुलिस अब कहा रही है कि वो इसकी जांच कराएगी।पुलिस सूत्रों ने अागे बताया कि नेता के कहने पर पंजाब पुलिस के अफसर ने हनीप्रीत से कॉन्टैक्ट किया था। उसके बाद उसका इंटरव्यू कराया गया। हरियाणा पुलिस के सूत्र भी मान रहे हैं कि हनीप्रीत पंजाब पुलिस के पास ही थी, जिसे बाद में हरियाणा पुलिस को सौंपा गया।
पंजाब पुलिस के कॉन्टैक्ट में होने के बाद भी हनीप्रीत कसौली (हिमाचल प्रदेश) की ओर जा रही थी। इसी बीच, हरियाणा और पंजाब के डीजीपी ने आपस में बात की। इस बातचीत के दौरान ही हनीप्रीत की गिरफ्तारी की सारी कागजी कहानी तैयार की गई।राम रहीम को रेप केस में दोषी करार दिए जाने के बाद हनीप्रीत बाबा के साथ पुलिस के हेलिकॉप्टर से रोहतक की सुनारिया जेल पहुंची थी।
उसने बाबा के साथ अंदर जाने की जिद की थी, लेकिन पुलिस ने उसे वहां से बाहर भेज दिया था। इसके बाद से हनीप्रीत गायब थी। वहीं, डेरे की चेयरपर्सन विपासना इंसा का कहना है कि हनीप्रीत 25 अगस्त की रात को उसके साथ डेरा सच्चा सौदा सिरसा आई थी। इसके बाद अगले दिन वह वहां से निकल गई। फिर 39 दिन उसका कोई अता-पता नहीं चला।
हनीप्रीत के पिता रामानंद तनेजा और मां आशा तनेजा फतेहाबाद के रहने वाले हैं। हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है। हनीप्रीत के पिता राम रहीम के अनुयायी थे। वे अपनी सारी प्रॉपर्टी बेचने के बाद डेरा सच्चा सौदा में अपनी दुकान चलाने लगे। 14 फरवरी 1999 को हनीप्रीत और विश्वास गुप्ता की सत्संग में शादी हुई। इसके बाद बाबा ने हनीप्रीत को अपनी तीसरी बेटी घोषित कर दिया।
हनीप्रीत राम रहीम के प्रोडक्शन में बनी फिल्मों में एक्टिंग और डायरेक्शन भी कर चुकी है। बताया जाता है कि हनीप्रीत साए की तरह बाबा के साथ रहती थी। हनीप्रीत के पूर्व पति का आरोप है कि हनीप्रीत और राम रहीम के बीच नाजायज रिश्ते थे। उसने दोनों को एक बार आपत्तिजनक हालत में देखा था। जब राम रहीम को रेप केस में दोषी करार दिया गया तो हरियाणा में जमकर हिंसा भड़की। हनीप्रीत पर इस हिंसा की साजिश में शामिल होने का आरोप है।