गृह मंत्री बनने के बाद आज अमित शाह पहली बार जम्मू-कश्मीर जाएंगे। अपने दो दिन के दौरे में अधिकारियों के साथ अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, शाह अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन भी करेंगे।
गृह मंत्री के दौरे से पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि अलगाववादी नेता घाटी में शांति को लेकर बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया है।
कार्यकर्ताओं ने कहा है कि अमित शाह को हुर्रियत और अलगाववादी नेताओं से कोई बातचीत नहीं करनी चाहिए। सरकार पाकिस्तान परस्त सैय्यद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक जैसे हुर्रियत नेताओं को जेल में डाले।
डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया था।कश्मीर में अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त तक चलेगी। इसके लिए राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अनंतनाग जिले के पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले के बालटाल ट्रैक पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
तीर्थयात्री अमरनाथ जाने के लिए मुख्य रूप से इन्हीं दो मार्गों का इस्तेमाल करते हैं। यहां एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी 24 घंटे तैनात हैं।दौरे से पहले शाह की ओर से केंद्रीय राज्य गृहमंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल 2019 पेश किया था। इसके जरिए आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन किया जाएगा।
बिल पास होने से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। संशोधन के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति जो पिछड़े क्षेत्रों, नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से सुरक्षा कारणों से चला गया हो उसे भी आरक्षण का फायदा मिल सकेगा।