उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की 403 सीटों पर हुए मतदान की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू हो गई है. मतदान के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है. आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश में मतगणना केंद्रों पर 20,000 केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है. उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 78 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं. 66 सीटों पर सपा-कांग्रेस गठबंधन, 305 पर बीजेपी, 17 पर बीएसपी आगे जबकि अन्य 15 सीटों आगे चल रही है.
गौरतलब है कि राज्य में सात चरणों में चुनाव कराया गया था. पहले चरण में 15 जिलों की 73 विधानसभा सीटों पर 11 फरवरी को वोट डाले गए थे. पहले चरण में शामली, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, बागपत जैसे जिले शामिल थे. दूसरे चरण में 11 जिलों की 67 सीटों के लिए 15 फरवरी को वोट डाले गए थे. तीसरे चरण में 69 सीटों पर 19 फरवरी को चुनाव कराया गया था.
चौथे चरण में 53 सीटों पर 23 फरवरी को वोटिंग हुई. पांचवें चरण में 52 सीटों के लिए 27 फरवरी को और छठे चरण में 49 सीटों पर 4 मार्च को चुनाव संपन्न हुआ. सातवें चरण में 40 सीटों पर 8 मार्च को वोट डाले गए. देश के पांच राज्यों में संपन्न हुए विधान सभा चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा यूपी विधान सभा की ही रही. देश के सबसे बड़े सूबे की सत्ता हासिल करने के लिए सभी दलों में होड़ है.
इस बार के विधानसभा चुनाव में 4853 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया जिसमें 4370 पुरुष, 482 महिला प्रत्याशियों ने हिस्सा लिया. सबसे ज्यादा 403 उम्मीदवार बसपा ने उतारे, भारतीय जनता पार्टी ने 384 उम्मीदवार खड़े किए, समाजवादी पार्टी ने 311 विधानसभाओं में उतारे उम्मीदवार जबकि कांग्रेस ने 114 स्थानों पर खड़े किए प्रत्याशी. इन चुनावों में कुल 1462 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी चुनाव में उम्मीदवारी की.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन को जनता के बीच मोदी की लोकप्रियता के बरकरार रहने और नोटबंदी समेत उनके अन्य लोकप्रिय एजेंडे पर लोगों की मुहर के तौर पर देखा जाएगा. राज्य विधानसभा के लिए हुए चुनाव में जीत से बीजेपी को राज्यसभा में मजबूती मिलेगी, जहां कांग्रेस की अगुवाई वाला विपक्ष अपने अधिक संख्याबल के कारण सरकार के कई विधायी एजेंडे को रोकने में सफल होता दिखा है. राज्यसभा में उत्तर प्रदेश से 31 सदस्य चुनकर आते हैं और भगवा पार्टी के पास वर्तमान में राज्य से केवल तीन राज्यसभा सदस्य हैं.