हम के नेता संतोष मांझी ने मुख्यममंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान भी कहते हैं कि पार्टी यूपी में संगठन का मजबूत करने में जुटी है।उन्होंने बताया, हमारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व उत्तर प्रदेश में पार्टी संगठन की मजबूती और विस्तार को लेकर काफी गंभीर हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव आने वाले समय में होने हैं।
हम उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से भी पार्टी संगठन को मजबूत किया जा रहा है।इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद बिहार के मंत्री और हम के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव संतोष कुमार ने भी मुख्यमंत्री की तारीफ में कसीदे पढ़े।
संतोष मांझी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कौन सी पार्टी का पलड़ा भारी रहेगा, यह तो जनता तय करेगी। लेकिन, जिस तरीके से योगी आदित्यनाथ एक कुशल प्रशासक बनकर उभरे हैं तो हम चाहते हैं कि उनको मौका 2022 में भी मिलना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम बिहार में सरकार में शामिल है। ऐसे में कहा जा रहा है कि मांझी यूपी में भी भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।दूसरी ओर, बिहार सरकार में शामिल अन्य घटक दल वीआईपी भी उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन मजबूत करने को लेकर हाथ-पांव मार रही है।
पिछले दिनों वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी यूपी पहुंचे थे, लेकिन मांझी के विपरीत ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ खड़े नजर आए।कहा जा रहा है कि यूपी के कई शहरों में वीआईपी फूलन देवी की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं, जिसकी मंजूरी राज्य सरकार नहीं दी और प्रशासन ने प्रतिमा भी जब्त कर ली।
इसके बाद सहनी ने विभिन्न मंचों से उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी।इसके बाद, सहनी जब उत्तर प्रदेश से बिहार पहुंचे तब यहां भी उन्होंने राजग विधायकों की एक बैठक का बहिष्कार कर दिया। सहनी ने यहां तक कह दिया कि राजग की बैठक में उनकी पार्टी की बातें नहीं सुनी जाती, तो फिर ऐसी बैठक में जाने से क्या फायदा।
बाद में, हालांकि इस निर्णय को लेकर उनकी अपनी ही पार्टी के विधायकों ने नाराजगी जाहिर कर दी।बहरहाल, बिहार की पार्टियां उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी है, अब देखना होगा कि कौन पार्टी बिहार में साथ-साथ और उत्तर प्रदेश में आमने-सामने खड़ी होती है।