ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू पक्ष ने किया शिवलिंग मिलने का दावा

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे में शामिल सभी सदस्य परिसर से वापस लौट गए। इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान वादी पक्ष के सोहनलाल आर्य ने बताया कि ‘नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वह बाबा मिल गए’। इतिहास कालखंड में जो भी लिखा था वह मिल गया है। जिसकी जनता को प्रतीक्षा थी आखिरकार वह बाबा अब मिल गए हैं।

वहीं मुस्लिम पक्ष ने कहीं कुछ भी मिलने के दावों से इनकार किया है। पूछे जाने पर सोहनलाल ने कहा कि ये मत पूछिए। उन्होंने संतकबीर का दोहा- ‘जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ, मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ’ सुना दिया। उन्होंने बताया कि तालाब में काले रंग का पत्थर मिला है।

हालांकि प्रशासन ने कहा है कि इस मामले में सिर्फ अधिकारिक बयानों पर ही ध्यान दें। अन्य किसी भी बयान पर भरोसा न करें।बताते चलें कि पहले दिन की कार्यवाही के बाद ही सोहनलाल आर्य ने विक्ट्री साइन बनाकर हिंदू मंदिर होने के साक्ष्यों को लेकर आशा जताई थी।

अब आखिरी दिन सोमवार को हुई कार्यवाही के बाद उन्होंने नंदी का मुंह ज्ञानवापी मस्जिद की ओर होने की वजहों को लेकर बाबा विश्वनाथ के मिल जाने की जानकारी दी। हालांकि, इससे अधिक उन्होंने मामला अदालत में होने की वजह से जानकारी देने से मना कर दिया।

हिंदू पक्ष ने कहा है कि इसके संरक्षण के किए वे कोर्ट जाएंगे। इसके पहले सर्वे की टीम जब ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर जा रही थी तब टीम के एक सदस्य को रोक लिया गया। बताया जा रहा है कि सूचनाएं लीक करने के आरोप में तीसरे दिन उन्हें सर्वे में शामिल नहीं होने दिया गया।

दिन का सर्वे पूरा होने पर वाराणसी जिला और पुलिस प्रशासन ने सभी पक्षों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर तीन दिन का यह सर्वे कराया गया। इसमें सभी पक्षों ने सहयोग दिया। प्रशासन ने लोगों से इस मामले में सिर्फ अधिकारिक बयानों पर ही भरोसा करने की अपील की है।

वाराणसी के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा कि सर्वे को लेकर अगर किसी ने कोई बात कही है या किसी बात का दावा किया है तो यह उनकी व्यक्तिगत राय है। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट कमिश्नर द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद कोई भी बात अदालत के द्वारा ही बताया जाएगा।

किसी की बात पर कोई ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोर्ट ने 12 मई को अपना फैसला सुनाया था। इस दिन कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के लिए नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने से इनकार कर दिया था।

कोर्ट ने अजय मिश्रा के साथ विशाल कुमार सिंह को कोर्ट कमिश्नर और अजय सिंह को असिस्टेंट कमिश्नर बनाया था। कोर्ट ने सर्वे की कार्रवाई पूरी करके 17 मई तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।

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