वैश्विक निवेशकों को भारत में आसान कारोबारी माहौल उपलब्ध कराने का वादा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में पिछली तिथि से कराधान अब बीते दिनों की बात हो चुकी है लेकिन पिछली सरकार के समय से चले आ रहे दो लंबित मामलों में वह ‘कुछ नहीं कर पा रहे हैं’ क्योंकि उन पर मुकदमे चल रहे हैं.मोदी ने सऊदी अरब के उद्यमियों को भारत में रेलवे, रक्षा तथा ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश का न्यौता देते हुए यह भी कहा कि पूरे देश में एक साझा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) अब लागू होने ही वाली है.
हालांकि उन्होंने जीएसटी लागू किये जाने के बारे में कोई स्पष्ट समयसीमा बताने से मना किया.गौर तलब है कि जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक राज्य सभा में लंबित है जहां सत्तारूढ राजग का बहुमत नहीं है. लोक सभा इसे पारित कर चुकी है.सऊदी अरब की कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों (सीईओ) तथा भारतीय उद्योग व्यापार जगत के शीर्ष प्रतिनिधियों की बैठक को रियाद में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने विदेशी निवेश के लिये विभिन्न क्षेत्रों को खोला है और भारत वैश्विक आर्थिक नरमी के बीच ‘उम्मीद की किरण’ के रूप में खड़ा है.
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व बैंक की कारोबार सुगमता की सूची में भारत की स्थिति में 12 पायदान का सुधार हुआ है. हमने प्रशासनिक सुधारों के मामले में कई कदम उठाये हैं, इससे हमारी रैंकिंग और सुधरेगी.मोदी ने कहा, ‘‘आप जीएसटी को लेकर चिंतित हैं. जीएसटी को लेकर चिंतित मत होइये. जीएसटी हकीकत बनेगा. मैं आपको कोई समयसीमा नहीं दे सकता लेकिन यह होगा. यह हमारी प्रतिबद्धता है और यह होने वाला है.उन्होंने कहा कि सरकार दीर्घकालीन तथा भरोसेमंद नीतियों के पक्ष में है और कर कानूनों में पूर्व की तिथि से कोई सुधार अब बीते दिनों की बात है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘पूर्व सरकार के समय के दो मामले हैं लेकिन उन पर मुकदमे चल रहे हैं, अत: मैं उनमें कुछ करने की स्थिति में नहीं हूं.. पर अब पिछली तिथि से कराधान बीतें दिन की बात हो गया है. ऐसा अब आगे नहीं होगा.प्रधानमंत्री ने हालांकि उपरोक्त लंबित मामलों के नाम नहीं लिये लेकिन ऐसे दो प्रमुख मामले वोडाफोन तथा केयर्न से जुड़े हैं.मोदी ने कहा कि वृद्धि की व्यापक संभावना तथा उभरते वैश्विक समीकरण के साथ भारत में भरोसेमंद कराधान प्रणाली होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व की तिथि से कराधान अब बीते दिनों की बात हो गयी है. हमने इसे बार-बार संसद में कहा है. आज मैं यह बात एक बार फिर कह रहा हूं.’’
मोदी ने कहा, ‘‘अगर कोई 10 साल बाद भारत आने की योजना बनाता है, वह कर ढांचे का आकलन करने के काबिल होना चाहिए. इसीलिए मैं दीर्घकालीन भरोसेमंद कर प्रणाली के पक्ष में हूं और हमने इसे क्रियान्वित किया है. इसीलिए मुझे नहीं लगता कि आने वाले दिनों में कोई समस्या होगी. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि सऊदी निवेशक निवेश के संभावित क्षेत्र के रूप में पेट्रोलियम, अक्षय ऊर्जा, बुनियादी ढांचा तथा रक्षा विनिर्माण पर गौर कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘उर्वरक, गोदाम, कोल्ड-चेन सुविधा तथा कृषि क्षेत्र में सऊदी निवेश सभी के लिये फायदेमंद वाली भागीदारी होगी. इस तरह की भागीदारी से सऊदी अरब के लिये अच्छी गुणवत्ता के खाद्य उत्पाद की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी.’’ उन्होंने कहा कि आयात बिल के मामले में तेल के बाद रक्षा क्षेत्र दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है.
मोदी ने कहा, ‘‘हम रक्षा क्षेत्र के लिये हर चीज आयात करते हैं. आखिर हम भारत में रक्षा उपकरणों का विनिर्माण नहीं कर सकते? जो भी विनिर्माण होगा, भारत बहुत बड़ा खरीदार होगा.उन्होंने कहा कि भारत और सऊदी अरब पुराने मित्र है और कहा कि दोनों सुनहरे भविष्य के लिये साहसिक नये कदम उठाने को तैयार हैं.मोदी ने कहा कि भारत अनूठी स्थिति में है जहां लोकतंत्र, युवा आबादी और मांग का मेल है और वृद्धि को गति देने के लिये कई नीतिगत पहल की गयी है.