देशभर में 1 जुलाई से गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) लागू हो चुका है। इसमें खाने-पीने के ज्यादातर सामान सस्ते होंगे। फल, सब्जियां, दालें, गेहूं, चावल आदि पहले की तरह टैक्स फ्री रहेंगे। हालांकि चिप्स, बिस्किट, मक्खन, चाय और कॉफी जैसे प्रोडक्ट्स पर 10% तक ज्यादा टैक्स देना होगा। खाद्य तेल पर टैक्स 7% कम लगेगा।
घर बनाने के सामान सीमेंट, प्लाईबोर्ड, टाइल्स पर 8.75% तक ज्यादा टैक्स लगेगा, लेकिन बाकी चीजों पर घटेगा।GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स है। इसको केंद्र और राज्यों के 17 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स और 23 तरह के सेस के बदले में लागू किया जाएगा।
ये ऐसा टैक्स है, जो देशभर में किसी भी गुड्स या सर्विसेस की मैन्युफैक्चरिंग, बिक्री और इस्तेमाल पर लागू होगा।इससे एक्साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैम्प ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे।
यह वन नेशन, वन टैक्स के कॉन्सेप्ट पर काम करेगा।अभी जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सभी राज्य स्टेट जीएसटी कानून पारित कर चुके हैं। एेसे में जम्मू-कश्मीर को छोड़ पूरे देश में यह लागू हो जाएगा।जीएसटी का विचार करीब 30 साल पुराना है। हालांकि, इसका जिक्र सबसे पहले 2003 में केलकर टास्क फोर्स की रिपोर्ट में हुआ था।
2006-07 के बजट में पहली बार यूपीए सरकार ने जीएसटी का प्रस्ताव शामिल किया था। 1 अप्रैल, 2010 से देशभर में जीएसटी लागू करने की बात कही गई थी। 2011 में प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री रहते हुए इसे संसद में पेश किया था।कच्चा तेल, पेट्रोल, डीजल, एटीएफ, प्राकृतिक गैस और शराब को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
सीमेंट, प्लाई, टाइल्स पर टैक्स बढ़ेगा। लेकिन घर बनाने के बाकी ज्यादातर सामान सस्ते होंगे।गुटखा पर 204% सेस, पान मसाले पर 60% जबकि तंबाकू के लिए यह दर 71-204% तक है। 28% जीएसटी अलग।सिगार और पाइप में भरे जाने वाले तंबाकू मिक्स पर 28% जीएसटी के अलावा 290% सेस।आज से 19 फीसदी आइटम 28% टैक्स स्लैब में, 81 फीसदी सामान 18% और इससे नीचे के स्लैब में। सोने पर 3% टैक्स।