राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को वस्तु एवं सेवाकर (GST) विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक राष्ट्रपति ने जीएसटी विधेयक के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है। केंद्र सरकार ने 16 राज्यों से मंजूरी मिलने के बाद जीएसटी विधेयक को राष्ट्रपति के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा था। इससे अब देश में 70 साल पुराने सबसे बड़े टैक्स सुधार का रास्ता एक दम साफ हो गया है।
हाल ही में 16 राज्यों ने वस्तु एवं सेवाकर संविधान (122 संशोधन) बिल को अनुमोदित किया था। राष्ट्रपति की मंजूरी लेने से पहले इस बिल पर आधे से ज्यादा राज्यों की मंजूरी मिलना आवश्यक था। संविधान को मंजूरी मिलने के बाद अब यह कानून का रूप लेगा, जिससे केंद्र सरकार के पास अब रिटेल स्टेज पर टैक्स लगाने का अधिकार होगा और राज्यों के पास सर्विस टैक्स संग्रहण का अधिकार होगा।
शीतकालीन सत्र में अब सरकार महत्वपूर्ण सेंट्रल जीएसटी बिल लेकर आ सकती है। इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि मोदी सरकार जीएसटी काउंसिल की स्थापना के लिए जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी लेगी। केंद्र सरकार 1 अप्रैल 2017 से देश में जीएसटी लागू करना चाहती है।