शहीदों के बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएगी मोदी सरकार

मोदी सरकार ने यह घोषणा की. रक्षा मंत्रालय के पूर्व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा 13 सितंबर, 2017 के आदेश के अनुसार, 7वें वेतन आयोग के तहत शहीदों के बच्चों के लिए ट्यशन व हॉस्टल खर्चो के लिए 10,000 प्रति माह की शुल्क सीमा लगाई थी. यह आदेश एक जुलाई, 2017 से प्रभावी था. 

इस संबंध में 21 मार्च, 2018 के आदेश में कहा गया है कि सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों, सैन्य विद्यालयों, दूसरे स्कूलों व केंद्र या राज्य सरकारों के मान्यता प्राप्त संस्थानों व स्वायत्तशासी संस्थानों में अध्ययन करने वालों के लिए शुल्क की सीमा को हटा दिया गया है.

इसे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंजूरी दी है. राज्य सभा में जनवरी में एक लिखित उत्तर में रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा था कि 2017-18 के दौरान कुल 2,679 छात्रों में से 193 छात्रों को ट्यशन व हॉस्टल शुल्क की सीमा से ज्यादा पैसे मिल रहे हैं.

भामरे ने कहा कि इसमें लभगग 3 करोड़ रुपये के बचत का अनुमान है. इस निर्णय के प्रभावी होने से 2017-18 में करीब 250 छात्र प्रभावित हुए. इसके तहत एक छात्र के लिए प्रति वर्ष अधिकतम 18.95 लाख रुपये की राशि निकाली जा सकती है.

इस योजना की घोषणा पहली बार लोकसभा में 18 दिसंबर, 1981 को की गई थी. इससे दो दिन पहले पाकिस्तानी सेना ने ढाका में आत्मसमर्पण किया था, जिसकी वजह से बांग्लादेश आजाद हुआ.

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शहीदों और ड्यूटी के दौरान विकलांग हुए सैनिकों के बच्चों को मिलने वाली शिक्षण सहायता के लिए तय अधिकतम 10,000 रुपये की सीमा को समाप्त किये जाने के केंद्र के फैसला का स्वागत किया है. उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभूतपूर्व फैसला करार दिया है.

एक ट्वीट में मुख्यमंत्री दास ने केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया.  उन्होंने कहा  शहीदों और जवानों के बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च अब सरकार उठाएगी. आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लिया गया ये अभूतपूर्व फैसला हमारे शहीदों और जवानों के परिवारों के लिए बेहद मददगार साबित होगा.

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *