पेट्रोल-डीजल के भाव में रिकॉर्ड तेजी को लेकर सरकार परेशान है, लेकिन उसने एक्साइज ड्यूटी घटाने से इनकार कर दिया। कीमतों को लेकर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि दाम बढ़ने से हम चिंतित हैं। हालांकि, उन्होंने इस सवाल पर कुछ नहीं बोले कि केंद्र सरकार इसके लिए क्या कर रही है?
प्रधान ने कहा कि राज्यों को सेल्स टैक्स या वैट में कटौती करनी चाहिए, जिससे जनता को राहत मिल सके। एक्साइज ड्यूटी में कमी के सवाल पर उन्होंने कहा अलग-अलग प्रयासों से राहत नहीं मिलेगी। हमें वित्तीय खाता भी देखना है और उपभोक्ताओं के हितों का भी ध्यान रखना है।
सरकार सभी पहलुओं का ध्यान रखते हुए समाधान की कोशिश कर रही है। तेल की कीमतों पर नजर रखी जा रही है।पेट्रोलियम मंत्री ने तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी के लिए राजनीतिक वजहों को जिम्मेदार बताया।
सरकार ने एशिया के बड़े उपभोक्ता देशों चीन, जापान और दक्षिण कोरिया को भारत के साथ आने का प्रस्ताव दिया है, ताकि ये तेल उत्पादक देशों से कीमतों को लेकर बेहतर शर्तें तय की जा सकें।पेट्रोलियम मंत्री का कहना है एशिया की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले इन देशों से परस्पर सहयोग की काफी उम्मीदें हैं और चारों का नेटवर्क स्थापित करने के प्रयास किए जाएंगे।
तेल के बड़े उपभोक्ता देश आखिर ज्यादा भुगतान क्यों करें?पिछले महीने भारत और चीन ओपेक देशों के कार्टेलाइजेशन के खिलाफ एकजुट होने के लिए हाथ मिला चुके हैं।चीन और अमेरिका के बाद भारत तेल का तीसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है, इसके बाद जापान और साउथ कोरिया का नंबर आता है।
तेल उत्पादक देशों की मनमानी के खिलाफ एशियाई देशों को एकजुट करने की भारत की ये तीसरी कोशिश है। इससे पहले 2005 में तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर भी इस तरह की कोशिश कर चुके हैं। इसके तहत 2006 में एक एमओयू भी साइन किया गया लेकिन द्विपक्षीय समझौतों की जटिलता की वजह से लागू नहीं हो पाया।
वहीं यूपीए-2 के दौरान वीरप्पा मोइली ने भी जापान के साथ ज्वाइंट एनर्जी सोर्सिंग की कोशिश की थी लेकिन सफल नहीं हो पाई।सऊदी अरब जैसे तेल उत्पादक देश भारत समेत अन्य एशियाई देशों से प्रीमियम वसूलते हैं। जानकारों के मुताबिक यह राशि सालाना 65,000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाती है।
इससे पहले वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि एक्साइज ड्यूटी में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार वित्तीय घाटा 3.5 से घटाकर 3.3 फीसदी लाने के लक्ष्य पर काम कर रही है। एक्साइज ड्यूटी में एक रुपए की भी कटौती की जाए तो सरकार को 13,000 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ेगा।
साथ ही कहा कीमतों में एक या दो रुपए की तेजी से महंगाई दर पर कोई असर नहीं पड़ेगा।पिछले 10 दिन में पेट्रोल 72 पैसे और डीजल एक रुपए महंगा हुआ है। हालांकि दो दिन से कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है।पिछले 10 दिन से दिल्ली में पेट्रोल 55 महीने के सबसे उच्च स्तर पर बना हुआ है। 16 अप्रैल को दिल्ली में पेट्रोल 74.02 के स्तर पर पहुंचा जो कि 14 सितंबर 2013 के बाद सबसे उच्च स्तर पर है।