दुमका की 12 वीं की छात्रा अंकिता सिंह को जिंदा जलाये जाने की घटना पर दुख जताते हुए झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस का बड़ा बयान आया है। उन्होंने घटना को जघन्य, पीड़ादायी और राज्य के लिए शर्मनाक बताया है। कहा है कि ऐसी घटनाओं से राज्य की छवि पर विपरीत असर पड़ता है। प्रदेश की जनता घर, दुकान, मॉल, सड़क कहीं भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रही है।
राज्यपाल ने राज्य के पुलिस महानिदेशक से फोन पर बात करते हुए अंकिता की मौत के मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका की जांच करने का आदेश दिया और इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने को कहा। राज्यपाल ने कहा कि एक लड़की जिसने अभी पूरी दुनिया भी नहीं देखी थी, उसका इस प्रकार से अंत बहुत ही पीड़ादायक है।
उन्होंने शोक शंतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। राज्यपाल ने अंकिता के पिता से बात कर उनसे पूरी घटना की जानकारी ली एवं व्यक्तिगत रूप से सांत्वना दी। उन्होंने अपने विवेकाधीन कोटे से पीड़िता के परिवार को तत्काल दो लाख रुपये देने की भी घोषणा की।
राज्यपाल ने यह भी कहा है कि उनके द्वारा पूर्व में भी डीजीपी को बुलाकर राज्य की विधि-व्यवस्था पर चिंता जतायी गयी थी और इसे प्रभावी व दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया था लेकिन, इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं दिख रहा है।इधर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अंकिता की मौत पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए कहा है कि इस तरह की घटना का समाज में कोई स्थान नहीं है।
दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने दिवंगत अंकिता के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने का आदेश दुमका जिला प्रशासन को दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्य के डीजीपी को निर्देश दिया है कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करायें। इसके साथ ही एडीजी रैंक के अधिकारी को अनुसंधान की प्रगति पर शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा है।