केंद्र सरकार ने सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को भी सीबीआई से हटा दिया। अस्थाना के अलावा 3 और अधिकारी तत्काल प्रभाव से सीबीआई से हटाए गए हैं।गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अस्थाना और तत्कालीन डायरेक्टर वर्मा का विवाद सार्वजनिक होने के बाद सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में दोनों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था।
गुरुवार शाम जारी आदेश में अस्थाना के अलावा जॉइंट डायरेक्टर अरुण कुमार शर्मा, डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा और एसपी जयंत जे नाइकनवरे को भी जांच एजेंसी से हटाया गया है।अस्थाना और सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
इसके बाद सरकार ने दोनों अफसरों को 23 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया था।सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र के फैसले को निरस्त कर दिया था। हालांकि, अदालत ने उन्हें सीवीसी की जांच पूरी होने तक नीतिगत फैसले लेने से रोक दिया था।
वर्मा को 10 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार समिति ने पद से हटा दिया था। वर्मा 31 जनवरी को रिटायर हो रहे थे। उनकी जगह नागेश्वर राव को दोबारा सीबीआई का अंतरिम चीफ बनाया गया था।
1979 की बैच के आईपीएस अफसर वर्मा को सिविल डिफेंस, फायर सर्विसेस और होम गार्ड विभाग का महानिदेशक बनाया गया था। लेकिन, वर्मा ने एक दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया था।2016 में सीबीआई में नंबर दो अफसर रहे आरके दत्ता का तबादला गृह मंत्रालय में कर अस्थाना को लाया गया था।
दत्ता भावी निदेशक माने जा रहे थे। लेकिन गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर राकेश अस्थाना सीबीआई के अंतरिम चीफ बना दिए गए।अस्थाना की नियुक्ति को वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। इसके बाद फरवरी 2017 में आलोक वर्मा को सीबीआई चीफ बनाया गया।
सीबीआई चीफ बनने के बाद आलोक वर्मा ने अस्थाना को स्पेशल डायरेक्टर बनाने का विरोध कर दिया। उन्होंने कहा था कि अस्थाना पर कई आरोप हैं, वे सीबीआई में रहने लायक नहीं हैं।अस्थाना स्पेशल डायरेक्टर बनाए गए। लेकिन मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े एक मामले की जांच के बाद अस्थाना और वर्मा ने एकदूसरे पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए।