लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कर्नाटक की जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार में उथल-पुथल है। कांग्रेस ने इसे रोकने के लिए गुलाम नबी आजाद और केसी वेणुगोपाल को भेजा है। माना जा रहा है कि असंतुष्टों को साधने के लिए जल्द ही कैबिनेट विस्तार किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री एचडी. कुमारस्वामी ने कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु और पूर्व सीएम सिद्धारमैया से मंगलवार को मुलाकात की। उधर, भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य में फिर चुनाव कराया जाना चाहिए, क्योंकि मौजूदा सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक, आजाद और वेणुगोपाल को असंतुष्ट कांग्रेस से बातचीत के लिए भेजा गया है। 29 मई को कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई है। इससे पहले ही आजाद और वेणुगोपाल वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
कांग्रेस के दो विधायकों रमेश जारखिरोली और सुधाकर ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व कर्नाटक सीएम एसएम कृष्णा से उनके घर मुलाकात की।भाजपा नेता मधुसूदन ने कहा कांग्रेस के दो विधायक रमेश जारकीहोली और के सुधाकर ने कृष्णा से उनके घर पर मुलाकात की।
दोनों नेता अच्छी तरह से जानते हैं कि कृष्णा कांग्रेस के एक अनुभवी नेता थे। लेकिन 2018 में भाजपा में शामिल हो गए।लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस ने 1-1 सीट पर जीत हासिल की। इसके बाद से ही राज्य में कांग्रेस के खिलाफ आवाज उठने लगी है।
राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रोशन बेग ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों का सिर्फ इस्तेमाल किया है।कर्नाटक में कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक केएन रजन्ना ने भी कहा कि जी. परमेश्वरा पीएम मोदी के शपथग्रहण तक ही उप मुख्यमंत्री हैं।
इसके बाद वह न मंत्री रहेंगे और न यह सरकार रहेगी। अगले महीने की 10 तारीख तक सरकार गिर जाएगी।कर्नाटक भाजपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि हम (भाजपा) राज्य में जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने नहीं जा रहे। हम चाहते हैं कि फिर से चुनाव हों।