कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर अभियान समिति के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने पार्टी द्वारा नामित किए जाने के बाद अपना पद छोड़ दिया और पार्टी नेतृत्व को इस फैसले से अवगत कराया।इस पर अभी दोनों पक्षों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
गुलाम नबी आजाद का इस्तीफा पार्टी के लोगों के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि पार्टी में प्रमुख नियुक्तियों पर उनसे सलाह ली जाती थी। वह पार्टी मंचों में काफी सक्रिय भी थे।आजाद ने कांग्रेस की गौरव यात्रा में भी हिस्सा लिया था और सोनिया गांधी को ईडी मुख्यालय में बुलाए जाने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था।
उच्च सदन में विपक्ष के नेता के रूप में कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजने में नजरअंदाज किए जाने से आजाद नाराज हैं।वह पार्टी जी-23 समूह के प्रमुख नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने पार्टी में व्यापक सुधारों की मांग की।
यह मुद्दा तब सामने आया है, जब पार्टी को नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करनी है।पार्टी ने जम्मू-कश्मीर स्टेट यूनिट के पदाधिकारियों को नियुक्त किया है, जिसमें विकार रसूल वानी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।गुलाम अहमद मीर के जेकेपीसीसी अध्यक्ष के पद से हटने के बाद यह पद खाली हो गया था। वानी पूर्व मुख्यमंत्री आजाद के वफादार हैं।