स्वतंत्रता सेनानियों की मासिक पेंशन में आज करीब पांच हजार रूपये की वृद्धि की गयी। इनमें अंडमान द्वीप में बनी सेल्युलर जेल में उस काल में कैदी रखे गये लोग और ब्रिटिश शासन वाले भारत की सीमा से बाहर रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी भी शामिल हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सभी श्रेणियों के स्वतंत्रता सेनानियों, उनके जीवनसाथी एवं आश्रितों को 20 प्रतिशत बढ़ी हुई पेंशन देने का निर्णय किया गया।
एक सरकारी बयान के अनुसार, बढ़ी हुई पेंशन 15 अगस्त 2016 से प्रभावी होगी। महंगाई भत्ता तय करने के लिए स्वतंत्रता सेनानी पेंशनभोगियों की संबद्ध श्रेणियों की संशोधित कुल राशि को मूल पेंशन राशि के रूप में माना जाएगा।वर्तमान में महंगाई भत्ता प्रणाली औद्योगिक कामगारों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित है।
यह स्वतंत्रता सेनानी पेंशनभोगियों के लिए अभी तक वाषिर्क आधार पर लागू होती थी। अब इसे बंद कर दिया गया है तथा अब यह केन्द्रीय सरकार के लिए साल में दो बार लागू होने वाली महंगाई भत्ते पर आधारित होगी। बयान में कहा गया कि पेंशनभोगियों के लिए यह ‘महंगाई राहत’ के नाम से जाना जाएगा।
पूर्व अंडमान राजनीतिक बंदियों एवं उनके जीवनसाथी श्रेणी के स्वतंत्रता सेनानियों के लिए पेंशन को 24775 रूपये से बढ़ाकर 30 हजार रूपये कर दिया गया है। ब्रिटिश शासन वाले भारत के बाहर संघर्ष कर चुके स्वतंत्रता सेनानिों की पेंशन को 23085 से बढ़ाकर 28 हजार रूपये कर दिया गया है।इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) के सदस्यों सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन को 21395 से बढ़ाकर 26 हजार रूपये कर दी गयी है।